उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट

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उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। निर्वाचन आयोग इन दिनों ग्राम पंचायतों की खुली बैठकों के माध्यम से वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने के लिए विशेष अभियान चला रहा है। आयोग के सचिव राहुल कुमार गोयल ने बताया कि यह अभियान विशेष रूप से उन मतदाताओं के लिए है, जिनके नाम वोटर लिस्ट में छूट गए हैं या जिनके नाम में कोई गलती है। उन्होंने बताया कि जैसे ही मतदाता सूची पूरी तरह से दुरुस्त होगी, उसे ऑनलाइन किया जाएगा, ताकि किसी भी मतदाता का नाम छूटने से बच सके।

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देहरादून, मुख्य संवाददाता।

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अब मई के अंत तक हो सकते हैं। पहले सरकार की तैयारी अप्रैल माह के अंत तक चुनाव कराने की थी, लेकिन ऊधमसिंह नगर के दो ब्लाक में कुछ पंचायतों के नगर निगम में शामिल होने के बाद परिसीमन का गणित गड़बड़ा गया है। इसके अलावा अभी ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने की प्रक्रिया भी अपनाई जानी शेष है। इसके लिए सरकार एकल समर्पित आयोग का कार्यकाल बढ़ाने जा रही है। इसका प्रस्ताव शीघ्र ही कैबिनेट में आएगा।

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उत्तराखंड में हरिद्वार को छोड़कर 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल बीते वर्ष 27 नवंबर को समाप्त हो गया था। सरकार ने दिसंबर माह में अगले छह माह या चुनाव होने तक प्रशासक नियुक्त कर दिए थे। ऐसे में सरकार के पास चुनाव कराने के लिए जून तक का समय है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव को लेकर शासन से रिपोर्ट मांगी थी, जो पंचायत निदेशालय की ओर से शासन को सौंप दी गई है। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव के लिए विभाग की ओर से हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों में ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का परिसीमन किया गया। लेकिन ऊधमसिंह नगर के दो ब्लाकों में कुछ गांवों के नगर निगम में शामिल होने के बाद वहां परिसीमन की प्रक्रिया अटक गई। इसी मामले में कुछ लोग कोर्ट चले गए। इसके कारण प्रक्रिया थोड़ा आगे खिसक गई है।

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