पैरा ग्लाइडिंग को रोजगार का जरिया बनाने वाले युवाओं के लिए पर्यटन विभाग बड़ी पहल करने जा रहा है। उत्तराखंड में ही पैरा ग्लाइडिंग के क्षेत्र में विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
गुरुवार को सचिव पर्यटन धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में तय हुआ कि भीमताल में पैरा ग्लाइडिंग की ट्रेनिंग को 25 बेड वाला हॉस्टल विकसित किया जाएगा। उच्चस्तरीय पैरा ग्लाइडिंग से जुड़े अगले चरण के प्रशिक्षण भीमताल के साथ ही चम्पावत बाणासुर फोर्ट में कराया जाएगा। बैठक में सचिव पर्यटन गर्ब्याल ने कहा कि अभी तक उत्तराखंड में युवा पैरा ग्लाइडिंग का प्रशिक्षण तो लेते थे, लेकिन आधुनिक उपकरणों की कमी के कारण वे जरूरी फ्लाइंग का समय पूरा नहीं कर पाते थे। इस कारण वे टेंडम फ्लाई करने में सक्षम नहीं होते थे। इस कमी को दूर करने को पर्यटन विभाग आधुनिक उपकरण की खरीद करेगा। युवाओं के लिए टेंडम पैरा ग्लाइड्स खरीदे जाएंगे। उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने को हर जिले में पैराग्लाइडिंग गतिविधि के केंद्र विकसित किए जाएंगे। गर्ब्याल ने कहा कि भीमताल में पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण को 25 बिस्तरों वाला एक हॉस्टल विकसित होगा। यहां वर्ष भर पैराग्लाइडिंग से संबंधित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
दूसरे चरण का जल्द मिलेगा प्रशिक्षण
सचिव पर्यटन गर्ब्याल ने निर्देश दिए कि पूर्व में प्रशिक्षित 141 पैराग्लाइडिंग पायलटों जिन्होंने पी वन, पी टू, पी थ्री, पी फोर, पी फाइव, थर्मेलिंग, क्रास कंट्री और टेंडम फ्लाइट की ट्रेनिंग पूरी कर ली है, उन्हें अगले चरण की ट्रेनिंग दी जाएगी। छह महीने में भीमताल और चम्पावत के बाणासुर फोर्ट में उनके फ्लाई ऑवर्स पूरी कराए जाएंगे।
कोटाबाग सहित कई जगह विकसित करेंगे सिस्टम
सचिव पर्यटन गर्ब्याल ने कहा कि राज्य में व्यावसायिक रूप में संचालित पैराग्लाइडिंग गतिविधियां अभी प्रमुख तौर पर भीमताल और टिहरी तक ही सीमित हैं। अब ये गतिविधियां नयार घाटी (पौड़ी), लोहाघाट (चम्पावत), मोरी (उत्तरकाशी), कोटाबाग (नैनीताल), बागेश्वर हर जिले में संचालित होंगी। हर जिले में ढांचागत विकास होगा। हर जिले में एक टेक-ऑफ और लैडिंग प्वाइंट विकसित किया जाएगा। इससे स्थानीय युवाओं को अपने जिले में ही पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी।






लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें