उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के तहत गरीबों को मुफ्त राशन देने की तैयारी शुरू कर दी। केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के दायरे में राज्य के 60 लाख लोग आ रहे हैं। राज्य के खाद्य विभाग के अधिकारी केंद्र के साथ लगातार संपर्क में है। तीन दिन से लगातार वीडिया कांफ्रेसिंग के माध्यम से केंद्र के अधिकारी राज्यों की तैयारी की समीक्षा कर रहे हैं।
कोविड काल में शुरू की गई गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत एनएफएसए राशन कार्ड धारकों को हर महीने प्रति यूनिट पांच किलो अतिरिक्त अनाज मुफ्त दिया जाता रहा है। अब सरकार ने गरीब कल्याण अन्न योजना को बंद कर एनएफएसए को ही एक साल के निशुल्क कर दिया है। कोविड काल में जरूरतमंद लोगों के बेहद लाभकारी रही इस योजना के राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव का दायरा भी काफी ज्यादा रहा है। उत्तराखंड प्रत्येक यूनिट पर दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल मिलता है। गेहं दो रूपये और चावल तीन रुपये किलो के हिसाब से दिया जाता है। केंद्र सरकार जहां गेहूं चावल मुफ्त दी, वहीं राज्य सरकार चार मैदानी जिलों में आठ लाख राशन कार्ड धारकों को एक-एक किलो मंडुवा मुफ्त देगी।
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