भीमताल। ग्राफिक एरा हिल विश्वविद्यालय, भीमताल के फार्मेसी कॉलेज में “डिजिटल थेरेप्यूटिक्स: 21वीं सदी के नवाचारों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में परिवर्तन” विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य एवं संकाय सदस्यों द्वारा अतिथि का स्वागत एवं सम्मान के साथ हुई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. (डॉ.) हरीश दुरेजा उपस्थित रहे।
प्रो. (डॉ.) हरीश दुरेजा, जो वर्तमान में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में अनुसंधान एवं विकास डीन तथा औषधि विज्ञान संकाय के डीन हैं, ने मुख्य व्याख्यान प्रस्तुत किया। 25 से अधिक वर्षों के शैक्षणिक एवं शोध अनुभव के साथ, वे फार्मास्युटिकल साइंसेज़ और उच्च शिक्षा में नवाचार के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं।
अपने व्याख्यान में प्रो. (डॉ.) दुरेजा ने डिजिटल थेरेप्यूटिक्स (DTx) की अवधारणा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह साक्ष्य-आधारित चिकित्सीय हस्तक्षेप हैं जिन्हें सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों के माध्यम से लागू किया जाता है, ताकि विभिन्न बीमारियों की रोकथाम, प्रबंधन और उपचार किया जा सके। उन्होंने यह भी समझाया कि कैसे प्रौद्योगिकी, व्यवहार विज्ञान और डेटा विश्लेषण के एकीकरण से स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन आ रहा है, जिससे उपचार की सुलभता और रोगी परिणामों में सुधार हुआ है।
प्रो. (डॉ.) दुरेजा ने कोविड-19 महामारी के दौरान डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों के तीव्र विकास पर भी चर्चा की और डिजिटल थेरेप्यूटिक्स के जिम्मेदार विकास के लिए नियामक ढांचे एवं अंतर्विषयक सहयोग के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से बताया कि कैसे डिजिटल थेरेप्यूटिक्स मधुमेह, मानसिक स्वास्थ्य विकारों और हृदय संबंधी रोगों जैसी दीर्घकालिक बीमारियों के प्रबंधन में सहायक सिद्ध हो रही हैं।
व्याख्यान के अंत में विद्यार्थियों ने डिजिटल हेल्थ के क्षेत्र में अनुसंधान अवसरों, भविष्य की संभावनाओं और आवश्यक कौशलों के बारे में उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे। कार्यक्रम अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक रहा।
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