चुनाव:: सामान्य और महिला आरक्षण की उम्मीदें फिर परवान चढ़ने लगी

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नगर निगम अल्मोड़ा के आरक्षण की सुनवाई में न्यायालय ने सरकार से 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। इससे नगर की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। एक तरफ ओबीसी प्रत्याशी जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर सामान्य और महिला आरक्षण की उम्मीदें फिर से परवान चढ़ने लगी हैं।

राज्य गठन के बाद से अल्मोड़ा नगर निकाय में एक उपचुनाव को छोड़कर चार चुनाव हो चुके हैं। 2008 में सिर्फ एक बार अल्मोड़ा सीट को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था। अब अल्मोड़ा को निगम का दर्जा दे दिया है। निगम के पहले चुनाव के लिए सरकार ने अनन्तिम आरक्षण में सीट को महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया था, लेकिन आपत्तियों के निराकरण के बाद सीट ओबीसी आरक्षित कर दी गई। नगर से दो लोगों ने ओबीसी आरक्षण को गलत बताते हुए न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। अपीलकर्ताओं का तर्क है कि अल्मोड़ा नगर निगम में आरक्षण सामान्य होना था, लेकिन सरकार ने ओबीसी आरक्षण लागू कर दिया। आरक्षण नियमावली के मुताबिक निकाय में आरक्षण तभी दिया जाएगा, जब उनकी संख्या दस हजार से ऊपर हो। राज्य सरकार ने जो आरक्षण प्रक्रिया अपनाई है, वह नियमों के विपरीत है। अब न्यायालय ने सरकार से 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा है। न्यायालय के आदेश के बाद एक बार फिर अल्मोड़ा निगम की राजनीति गरमा गई है। वहीं, चुनाव लड़ने से वंचित रहे गए नेताओं की उम्मीद फिर से जाग गई है।

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