केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवा में किसी तरह की गड़बड़ी पर लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने रविवार को स्पष्ट निर्देश दिया कि दवा निर्माता कंपनियां संशोधित शेड्यूल एम के तहत निर्धारित गुणवत्ता मानकों का सख्ती से पालन करें।
मंत्रालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी, ताकि दवा गुणवत्ता मानदंडों के अनुपालन की समीक्षा की जा सके और बच्चों में कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके। उनके मुताबिक, बच्चों में ज्यादातर खांसी मामूली होती है जो अपने आप ठीक हो जाती है। इसलिए कफ सिरप का सोच-समझकर इस्तेमाल करने को कहा गया है। दवा का अधिक इस्तेमाल बच्चों की सेहत पर गंभीर असर डाल सकती है।
बयान में कहा गया है कि बैठक में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा जारी परामर्श पर चर्चा की गई। इस मामले की पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने समीक्षा की थी और निर्देश दिया था कि आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की जाए। इस बीच केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन कोल्ड्रिफ बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई के लिए तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन को पत्र लिखेगा।
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