ग्राम पंचायतों को मजबूत करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने पंचायत क्षेत्रों में संचालित हो रही व्यावसायिक गतिविधियों पर कर लगाने की पैरवी की है। कमेटी ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के प्रत्यक्ष निर्वाचन पर भी सहमति जताई है।
पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर शासन ने गत वर्ष निदेशक पंचायतीराज की अध्यक्षता में दस सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित करते हुए, रिपोर्ट देने को कहा था। कमेटी ने कई राज्यों का दौरा कर तैयार अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। जिसमें मुख्य तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में संचालित हो रहे वेडिंग प्वाइंट, रिजॉर्ट, होटल, हाउसिंग कॉम्प्लेक्स पर नगर निकाय की तर्ज पर प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का अधिकार दिए जाने की पैरवी की गई है।
इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में हो रहे खनन, शराब की दुकान और पर्यटन गतिविधियों पर उपकर लगाने की भी पैरवी की है। इसके लिए सार्वजनिक संसाधनों के इस्तेमाल का आधार बनाया गया है। हालांकि ग्राम पंचायतों को कर वसूलने का अधिकार यूपी के समय से हासिल है, लेकिन लंबे समय से दरें अपडेट नहीं हुई हैं, अब कमेटी ने इसके लिए विधिवत नियमावली बनाने को कहा है।
सम्पर्क करने पर निदेशक पंचायतीराज आनंद स्वरूप ने बताया कि कमेटी की रिपोर्ट काफी समय पहले तैयार हो चुकी है। इसे आगे कार्यवाही के लिए शासन को भेज दिया गया है।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें