राज्य सरकार पांच हजार से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों को पक्की नौकरी देने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। कार्मिक विभाग ने विनियमितीकरण नियमावली का नया मसौदा तैयार कर लिया है। इसे अब कैबिनेट की मंजूरी के लिए जल्द पेश किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, हाईकोर्ट के आदेशों के बाद तैयार की गई इस नई नियमावली में सेवा अवधि की शर्त को फिर से 10 वर्ष किया जा रहा है। केवल कट ऑफ डेट को लेकर असमंजस है। इस पर कैबिनेट के स्तर पर निर्णय किया जाएगा।
कार्मिक विभाग ने लंबी कसरत के बाद इसका खाका तैयार कर लिया। इसमें 2013 की विनियमितीकरण नियमावली में किए गए पांच साल की सेवा की अनिवार्यता को हटाकर पूर्व की तरह दस साल किया जा रहा है। जल्द कैबिनेट में नियमितीकरण की कट आफ तय होने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। कार्मिक सचिव शैलेश बगौली ने नियमावली के नए प्रावधानों पर टिप्पणी नहीं की, लेकिन इसे जल्द कैबिनेट में लाने की तैयारी की पुष्टि की। माना जा रहा है कि इस नीति के लागू होने से करीब पांच हजार से ज्यादा दैनिक वेतनभोगी, संविदा, कार्य प्रभारित, नियत वेतन और अंशकालिक कर्मचारियों को स्थायी नौकरी का लाभ मिल सकता है।
उपनल कर्मियों के विनियमितिकरण पर भी पड़ेगा असर : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के अनुसार राज्य में उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए भी नीति बनाई जा रही है। प्रमुख सचिव-मुख्यमंत्री आरके सुधांशु की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति नीति का खाका तैयार कर रही है। सूत्रों के अनुसार समिति नीति बनाने के लिए उपनल कार्मिकों का ब्योरा जुटाने के साथ साथ कार्मिक विभाग की विनियमितीकरण नियमावली के भी पारित होने का इंतजार कर रही है। इस नियमावली के लागू होने से उपनल कर्मियों के नियमितीकरण को भी इससे जोड़ा जा सकेगा।


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