उत्तराखंड में बदरीनाथ धाम के पास माणा गांव में शुक्रवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे पहाड़ी से जबरदस्त हिमस्खलन हुआ। इससे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप के आसपास भगदड़ मच गई। वहां रह रहे कुल 55 मजदूरों में से 33 को सेना और आईटीबीपी ने रेस्क्यू कर लिया। 22 मजदूर अब भी लापता हैं। रेस्क्यू के काम में लगातार हो रही बर्फबारी से खलल पड़ा। हिमपात के कारण सड़क बंद होने से प्रशासन की टीमें वहां नहीं पहुंच सकीं।
यह हादसा बदरीनाथ से तीन किमी आगे और माणा गांव से एक किमी पहले माणा पास को जाने वाली बार्डर सड़क पर हुआ। यहां नर पर्वत के ऊपर से हिमस्खलन हुआ। जहां बर्फ गिरी वहां बीआरओ का श्रमिक कैंप है। इसमें बीआरओ की अधिकृत सड़क निर्माण कंपनी के 55 मजदूर मौजूद थे। हिमस्खलन की तेज आवाजें सुनकर शिविर में अफरा-तफरी मच गई। डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि आईटीबीपी और सेना ने रेस्क्यू अभियान शुरू करके 33 मजदूरों को माणा स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती करा दिया है।
सीमा सड़क संगठन के कमांडर कर्नल अंकुर महाजन ने बताया कि सेना और आईटीबीपी ने घटनास्थल पर रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है। ड्रोन के माध्यम से भी लापता मजदूरों की खोजबीन की कोशिश की जा रही है।
एसडीआरएफ की टीम रास्ते में फंसी पुलिस महानिरीक्षक, एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि रेस्क्यू अभियान के लिए एसडीआरएफ की एक टीम जोशीमठ से रवाना हो चुकी है। दूसरी टीम को देहरादून में सहस्रधारा हेलीपैड पर अलर्ट पर रखा गया है। बदरीनाथ में लामबगढ़ तक करीब 35 किमी सड़क बर्फ से पटी हुई है। सड़क बंद होने से जिला प्रशासन और एसडीआएफ की टीमें आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। उन्होंने बताया कि सेना से संपर्क कर मार्ग को खोलने की कोशिश लगातार जारी है। मौसम की स्थिति में सुधार होते ही एसडीआरएफ की हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को भी हेलीकॉप्टर के जरिये घटनास्थल के निकटतम उपलब्ध स्थान पर उतारा जाएगा।
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