-प्रयोगशाला में एटॉमिक ऐब्जॉबसन स्पेक्ट्रो फ़ोटो मीटर मशीन होगी स्थापित
-नई मशीन से खेती के लिए कॉपर जिंक आयरन बोरोन की होगी जांच
-अब तक लैब में मृदा में भौतिक व राश्यनिक तत्वों का होता था परीक्षण
भवाली। उत्तराखंड के किसानों को अब बेहतर खेती के लिए बेहतर मृदा परीक्षण का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए भवाली स्थित मृदा प्रयोगशाला में एटॉमिक ऐब्जॉबसन स्पेक्ट्रो फ़ोटो मीटर मशीन पहुँच गई है। 25 अगस्त तक मशीन को स्थापित कर दिया जाएगा। जिसके लिए बेंगलुरु से टीम पहुँचने वाली है। नई मशीन के पहुँचने से कुमाऊँ उत्तराखंड के किसानों में खुशी की लहर है। भवाली अल्मोड़ा रोड़ में वर्ष 1996 में उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड की एक़मात्र प्रयोगशाला खोली गई थी। उत्तराखंड के किसानों को खेती में बेहतर उत्पादन के लिए प्रयोगशाला खोली गई। उत्तराखंड के चाय बागानों में उत्पादन बढ़ाने के लिए लैब में हर दिन मृदा परीक्षण किया जाता है। मिट्टि में पीएच, आर्गेनिक मेटर, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम कुल पांच पैरामीटर निकाले जाते हैं। नई मशीन से मृदा में माइक्रो एलिमेंट, सूक्ष्म मात्रिक पोषक तत्व का प्रशिक्षण किया जा सकेगा। कुमाऊविश्व विद्यालय, अल्मोड़ा सोभन सिंह जीना के शोध छात्र भी प्रयोगशाला का लाभ उठाते है। अल्मोड़ा, रानीखेत, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत के किसान अपने खेतों की मिट्टी की जांच कराने पहुँचते है। प्रयोगशाला के पर्यवेक्षक दीपक जोशी ने बताया कि नई एटॉमिक ऐब्जॉबसन स्पेक्ट्रो फ़ोटो मीटर मशीन से मृदा परीक्षण करने में आसानी होगी। और खेती के लिए मृदा में जिंक, कॉपर, मैगनीज, आयरन, बोरोन, एल्मुनियम, मोलिबिडनम की जांच की जा सकेगी। जिससे किसानों को खेती करने व अपनी फसल का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि किसानों से प्रति नमूने के 400 रुपये रूटीन पैरा मीटर जांच के लिए जाते हैं।
कोट…
चाय की खेती बढ़ाने व उत्पादन बढ़ाने में एटॉमिक मशीन कारगर साबित होगी। सभी तैयारियां कर ली गई है। टीम के आते ही मशीन चलाई जाएगी। इसके साथ ही कुमाऊँ और उत्तराखंड के किसानों को मृदा परीक्षण के लिए इसका लाभ मिलेगा। और किसान भी खेती में अपना उत्पादन बढ़ा सकेंगे।
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