


भवाली। सोमवार को भारतीय चाय बोर्ड कलकत्ता निदेशक एस सुंदर राजन की अध्यक्षता में घोड़ाखाल चाय बागान परिसर में उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड अधिकारी एवं कर्मचारियों तथा राज्य के विभिन्न जिलों से आये चाय किसानों के साथ एक सयुक्त बैठक की गई।
बैठक में निदेशक, उपनिदेशक भारतीय टी बोर्ड द्वारा नई नीति के अनुसार विस्तृत जानकारी दी गई। बताया कि बोर्ड द्वारा जो बागान काश्तकारों को खुद संचालन के लिए वापस किए जा रहे हैं, उस काश्तकार की बोर्ड में रजिस्ट्रेशन, यू.आई.एन. आईडी तैयार करवा ली जाए। जिससे एस.एच.जी ग्रुप बनाते हुए भारत सरकार द्वारा एस.एच.जी. योजनाओं का लाभ दिया जा सके। वही चाय किसानों को भारतीय टी बोर्ड से दी जा रही अनेक योजनाओं की गतिविधियों एवं वित्तीय सहायकता के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। निदेशक उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा भी भारतीय टी बोर्ड के निदेशक से उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड एवं चाय से जुड़े किसानों को अधिक से अधिक योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु अपील की गई। बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में चाय उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए समस्त व्यय स्वंय वहन कर रही है। अगर भारत सरकार बोर्ड द्वारा किए जा रहे प्लान्टेशन, फैक्ट्री स्थापना, काश्तकारों को प्रशिक्षण के लिए कोई विशेष पैकेज तैयार करते हुए अगर लाभ दे सकती है तो बोर्ड द्वारा अन्य क्षेत्रों में भी चाय बागान विकसित किए जा सकते हैं। जिससे कि उत्तराखण्ड राज्य को चाय विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनाया जा सके। इस दौरान निदेशक एस. सुन्दर राजन, भारतीय चाय बोर्ड पालमपुर उपनिदेशक राकेश कुमार, विकास अधिकारी नीरव वशिष्ठ, उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड निदेशक महेन्द्र पाल, वित्त अधिकारी अनिल खोलिया , चाय विशेषज्ञ डा० भूपेन ढेका, प्रबंधक घोड़ाखाल नवीन चन्द्र पाण्डे, प्रबंधक चंपावत राकेश कुमार, प्रबंधक कौसानी प्रमोद कुमार, गढ़वाल सहायक प्रबंधक रामसिंह मेहरा, पिथौरागढ़ सहायक प्रबंधक केशर सिंह गंगोला आदि रहे।
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