फिर अवैध खनन में लिप्त अधिकारियों का मामला सामने आया है जिलाधिकारी सोनिका ने अवैध निर्माण और पेड़ों के अवैध कटान के दो अलग-अलग मामलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो कानूनगो और दो लेखपालों (पटवारी) को सस्पेंड कर दिया है। विकासनगर एसडीएम की जांच में चारों की संलिप्ता पाए जाने के बाद कार्रवाई की गई। डीएम ने रिटायर नायब तहसीलदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
शिकायत और मौका मुआयने के बाद डीएम सोनिका ने दोनों मामलों की जांच बैठाई थी। एसडीएम विकासनगर विनोद कुमार ने एनफील्ड टी कंपनी राजावाला पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) जय सिंह सैनी ने अपनी आख्या में स्थल पर कोई बाग या पेड़ नहीं होने का उल्लेख किया था। जबकि स्थलीय निरीक्षण में वन विभाग ने वहां शाल का जंगल बताया। कानूनगो ने उच्चाधिकारियों को भ्रामक रिपोर्ट दी। यह भी आरोप है कि कानूनगो ने क्षेत्रीय लेखपाल के बजाय खुद ही रिपोर्ट लगाई। इतना ही नहीं मामले में विकासनगर के तत्कालीन नायब तहसीलदार पंचम सिंह नेगी ने अपने अधिकारों के विपरीत जाते हुए अनुमति दी। एसडीएम विकासनगर की हैसियत से रिटायर नायब तहसीलदार नेगी ने समतलीकरण की अनुमति बिना मौका नक्शा और फर्द देखे दे दी। डीएम ने एसडीएम विकासनगर की संस्तुति पर कानूनगो जय सिंह सैनी को निलंबित करते हुए विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए। वहीं एसडीएम विकासनगर को रिटायर नायब तहसीलदार नेगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। वहीं दूसरा मामला सालियावाला धौलास में प्लॉटिंग कर अवैध निर्माण और पेड़ों के अवैध कटान का था। इसमें भी एसडीएम विकासनगर ने जांच की। रिपोर्ट में बताया कि संबंधित कानूनगो और लेखपाल ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को नहीं दी। मामले में डीएम ने झाझरा के राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) सरदार सिंह चौहान, तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक (लेखपाल) प्रदीप कुमार और वर्तमान लेखपाल शोभाराम जोशी को दायित्वों का निर्वहन नहीं किए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
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