कमस्यार घाटी में गुलदार द्वारा बच्चे को आंगन से उठा ले जाने की औलानी की यह पहली घटना है। इसके बाद से गांव के लोग दशहत में हैं। वहीं, आंखों के सामने हंसती-खेलती बच्ची मौत से गमजदा लोगों ने गुरुवार की रात से चूल्हे नहीं जलाए हैं। गुरुवार की रात बच्चे भी भूखे सोए। सिर्फ दूधमुंहे बच्चों को दूध पिलाया गया। अब हर किसी को अपने बच्चे की चिंता सताने लगी है। शुक्रवार को महिलाएं भी जानवरों के लिए चारा लेने भी नहीं गईं।
कमस्यारघाटी के औलानी गांव में गुरुवार की शाम पांच बजे तक काफी चहल-पहल थी। रोजाना सुबह चार बजे से लोग अपनी दिनचर्या में जुट जाते थे। महिलाएं सुबह बच्चों को स्कूल भेजकर जानवरों के लिए घास लेने जाती थीं। दिनभर घास काटने का काम चलता था, जबकि पुरुष अन्य कामों में लगे रहते थे। कई घरों में इन दिनों साफ-सफाई का कार्य चल रहा था। दीपावली की तैयारी भी चल रही है। गुरुवार शाम मासूम योगिता को गुलदार उठा ले गया और उसकी मौत हो गई। आंखों के सामने घटना से लोग दहशत में आ गए हैं। औलानी में करीब 14 परिवार रहते हैं। घटना के बाद से किसी भी परिवार में गुरुवार की रात चूल्हा नहीं जला। शुक्रवार की सुबह न तो गांव में नाश्ता बना और न दिन का खाना। हर कोई मासूम की मौत से खौफ में और गमजदा था। अधिकतर पुरुष बच्ची के पोस्टमार्टम आदि की कार्रवाई कराने के लिए जिला मुख्यालय गए हैं। पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।
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