32 दिन के बाद डॉ महेश कुमार का शव घटना स्थल से कुछ दूरी पर मिल गया। हल्द्वानी स्थित संजीवनी अस्पताल के संचालक व मालिक डॉ. महेश कुमार नहीं रहे। 32 दिन बाद उनका शव मिल गया है। सूचना मिलते ही उनके भाई व परिवार के अन्य सदस्य जम्मू-कश्मीर रवाना हो गए हैं। मूल रूप से बागपत जिले के बड़ौत के रहने वाले डॉ. महेश कुमार 1993 से हल्द्वानी में प्रैक्टिस कर रहे थे। 18 जून को अपने साथियों के साथ ट्रैकिंग करने जम्मू-कश्मीर गए थे। अनंतनाग जिले में पहलगाम के पास शेखवास बेस कैंप से तारसाल झील होते हुए ट्रैकिंग का कार्यक्रम था। लेकिन रात को बारिश और बर्फबारी होने के चलते ट्रैकिंग का कार्यक्रम रद कर वह दल के साथ 22 जून बुधवार सुबह 8.30 वापस लौटने लगे। इस दौरान रास्ते में एक छोटी नदी पर बने कच्चे पुल को पार करते समय उनका संतुलन बिगड़ गया और वह नदी में गिर गए। सूचना पर स्थानीय प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ मिलकर सर्च अभियान चलाया, लेकिन उनका सुराग नहीं लगा। करीब एक माह बाद रविवार को उनके शव मिलने की सूचना उनके परिजनों को मिली। उनके भाई गाजियाबाद निवासी बृजेन्द्र कुमार ने बताया कि डॉ. महेश का शव घटना स्थल से कुछ दूरी पर मिल गया है। वह परिवार के सदस्यों के साथ जम्मू कश्मीर जा रहे हैं।
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