रामगढ़ ब्लॉक के ग्रामसभा भियालगांव ,में वरिष्ट सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश चन्द्र प्रेम पथिक जी की अध्यक्षता में भारत की पहली शिक्षिका सावित्रीबाई फुले जी की जयंती बड़े धूम धाम से मनाई गई।
महाराष्ट्र में महिलाओं की शिक्षा के प्रति अपना जीवन समर्पित करने वाली सावित्रीबाई फुले का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक छोटे से गांव नयागांव में 3 जनवरी 1831 को हुआ था।
सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश चन्द्र (जीतू) द्वारा ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा गया कि सावित्री बाई फुले जी को भारत की पहली शिक्षिका होने का श्रेय जाता है। उन्होंने यह उपलब्धि तब हासिल की जब महिलाओं का शिक्षा ग्रहण करना तो दूर की बात थी, उनका घर से निकलना भी दूभर था।
उस समय जब सावित्री बाई फूले स्कूल जाती थीं, तो लोग उन्हें पत्थर मारते थे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कड़ा संघर्ष करते हुए शिक्षा हासिल की। सावित्रीबाई फुले का जीवन महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित था। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जमकर आवाज उठाई।
पति के साथ मिलकर सावित्रीबाई फुले ने 1848 में पुणे में लड़कियों का स्कूल खोला। इसे देश में लड़कियों का पहला स्कूल माना जाता है।
माता सावित्री बाई फूले द्वारा किया गया संघर्ष जुगो जुगो तक समाज को प्रेरणा देता रहेगा।
आज के जयंती कार्यक्रम में रमेश चन्द्र, महेंद्र कुमार, दीक्षा, हेमा देवी, मंजू देवी, तुलसी देवी,मुन्नी देवी, भावना, शिवानी, चांदनी, प्रियंका,पार्वती देवी के साथ समस्त ग्रामीण उपस्थित रहे।
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