भवाली। श्री श्री 1008 स्वामी अखंडा नंद सरस्वती वनखंडी महाराज के सातताल स्थित आश्रम में चल रही श्रीमद्भागवत का समापन किया गया। कथा के सप्तम दिवस पर श्रद्धा और भक्ति का विशेष वातावरण देखने को मिला। हवन पूजन भण्डारे के साथ प्रसाद वितरण किया गया। दूर दराज से आकर भक्तो ने प्रसाद ग्रहण किया। कथा के दौरान कथावाचक व्यास नीरज महादेव ने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े दिव्य लीला प्रसंगों का मार्मिक वर्णन किया, जिसे सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। मंच से प्रवचन के दौरान बताया गया कि श्रीमद्भागवत हमें प्रेम, करुणा और समर्पण की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चार से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा रहा। भक्तों ने तालियों और हरि-नाम संकीर्तन के साथ प्रसंगों का स्वागत किया। व्यास नीरज महादेव ने कहा कि कथा श्रवण मन और आत्मा को शुद्ध करता है तथा जीवन को सकारात्मक दिशा देता है। उन्होंने सभी से सत्संग और सदाचार को जीवन में अपनाने का आह्वान किया। इस दौरान व्यजमान विजय नारायण, आशीष उप्रेती, पुष्पेश पाण्डे, भाष्कर तिवाड़ी, विनोद त्रिपाठी, नवल किशोर जोशी, हरीश पंडित, गंगा दत्त भट्ट, गिरीश चन्द्र पाण्डे, सतीश जोशी आदि रहे।
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें

