भवाली। राजकीय बालिका इंटर कालेज, भवाली की छात्राओं ने कुमाऊँ विश्वविद्यालय की रामगढ़ स्थित महादेवी वर्मा सृजन पीठ का शैक्षिक भ्रमण किया। हिंदी साहित्य में छायावाद की प्रमुख स्तम्भ कवयित्री महादेवी वर्मा द्वारा वर्ष 1936 में अपने ग्रीष्मकालीन प्रवास के लिए बनवाए गए घर ‘मीरा कुटीर’ में स्थापित है। महादेवी जी के घर में उनके दैनिक उपयोग की वस्तुएँ. संग्रह से प्राप्त पत्र-पत्रिकाएँ, उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स आदि को देखकर छात्राएँ अभिभूत दिखीं। कहा रचनाओं व जीवनी को अपनी पाठ्य पुस्तकों में पढ़ती रही हैं, उनके घर में उस परिवेश को साक्षात महसूस करना जो न जाने कितनी कालजयी रचनाओं का प्रेरणास्रोत रहा है, यह उनके लिए अलग ही अनुभव था। छात्राओं को संबोधित करते हुए सृजन पीठ के शोध अधिकारी मोहन सिंह रावत ने कहा कि महादेवी वर्मा को याद करना अपनी संस्कृति और परंपरा को याद करना है। उन्होंने स्त्रियों की करूणा को अपनी कविताओं में उकेरा है। महादेवी ने साहित्य में स्त्री मुक्ति की लड़ाई लड़ी। उनमें महिलाओं के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की ललक थी। उनके साहित्य में प्रेम, वेदना और परोपकार के जो भाव नजर आते हैं, व्यक्तिगत जीवन में भी वह उसकी प्रतिमूर्ति थीं। शैक्षिक भ्रमण के दौरान जीजीआईसी भवाली की शिक्षिका सीमा नयाल, रेखा आर्य, किरन उप्रेती, शिखा बोरा, शशि जोशी सहित ज्ञान प्रकाश, हीरा बिष्ट, बहादुर सिंह कुँवर व छात्राएँ उपस्थित थी।
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