रेलवे भूमि अतिक्रमण पर मुख्यमंत्री से मिले, संघर्ष समिति के साथ क्षेत्र के लोग

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हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र के लोग बनभूलपुरा संघर्ष समिति के

नेतृत्व में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले। उन्होंने मुख्यमंत्री को बनभूलपुरा रेलवे भूमि के संबंध में विस्तार से बातचीत की। कहा कि 2007 में रेलवे विभाग ने अपनी 6 एकड़ जमीन जिसमें लगभग 870 मकान अवैध घोषित किये गये थे। जिस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देशित किया गया था कि न्याय प्रक्रिया के तहत संबंधित क्षेत्र में बने मकानों को खाली कर अतिक्रमण मुक्त किया जाये जिस कारण संबंधित क्षेत्र की जनता काफी परेशान थी। अब एक बड़ी आबादी नजूल व नगर निगम क्षेत्र के लगभग 50 हजार परिवार 5 हजार मकान 29 एकड़ में रेलवे विभाग द्वारा अपना दावा किया गया है, जिसमें उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड द्वारा सुनवाई करते हुये अतिक्रमण हटाने का फैसला दिया गया है, जबकि आम जनता व जनप्रतिनिधि सीमांकन की मांग करते रहे तथा कुछ अपीलें जिला कोर्ट मे विचाराधीन है। तथा उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई कर समस्त क्षेत्र के लिये फ़ैसला दिया गया है। 5 हजार अतिक्रमणकारियों में लगभग सैकड़ों मकान फ्रीहोल्ड किया गया है। जिसका पैसा राज्य सरकार को राजस्व के रूप में पूर्व में मिल चुका है, नगर निगम द्वारा व नजूल विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र के आधार पर फ्री होल्ड किया है, तथा लगभग 100 वर्ष पूर्व पट्टे भी आवंटित किये गये थे जो आजादी से पूर्व के पट्टे तथा वक्फ संपत्तिया है, जो आजादी से पूर्व की है। 100 वर्ष पुरानी मस्जिदें मंदिर स्कूल बिजलीघर, मजार, पानी के ओवरहेड टैंक, ट्यूबवेल अस्पताल भी इसमें शमिल है। लगभग 50 हजार की आबादी इस क्षेत्र में निवास करती है। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा सीवर लाईन, सड़कें, पानी की लाईने, बिजली आदि मूलभूत सुविधायें दी गयी है। 1965 से कुछ स्थानों पर मलिन बस्ती क्षेत्र भी मौजूद है, तथा पुनर्वास की कार्यवाही की गयी थी, जिसके लिये केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को कुछ धनराशि भी आवंटित की गयी थी। जिसके बावजूर इन गरीबों की सुनवाई नहीं की गयी है तथा न्याय नही मिल रहा है। मांग की कि ऐसी स्थिति में प्रदेश सरकार द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के साथ भानी पैरवी करनी चाहिए।

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