राज्य सरकार प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने को पूरी तरह तैयार है। सरकार ने इस बारे में हाईकोर्ट में शपथपत्र से यह जानकारी दी गई है। सरकार की हरी झंडी के बाद अब साफ हो गया है कि पंचायत चुनाव कार्यक्रम जल्द घोषित हो सकता है।
हाईकोर्ट में जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्षों के बाद ग्राम पंचायतों में निवर्तमान प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने की याचिकाएं विचाराधीन हैं। कोर्ट ने इस बारे में राज्य सरकार से पूछा था कि पंचायत चुनाव कब तक कराए जा सकते हैं। इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि चुनाव से संबंधित प्रक्रिया तैयार है। सरकार स्तर से आरक्षण से संबंधित निर्णय होना है। महाअधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने अदालत में शपथपत्र दाखिल करने की पुष्टि की है। पूर्व ग्राम प्रधान विजय तिवारी सहित अन्य ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पहले राज्य सरकार ने जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्षों को नियुक्त किया, अब सरकार ने ग्राम पंचायतों का चुनाव कराने के बजाय निवर्तमान ग्राम प्रधानों को भी प्रशासक नियुक्त करके उन्हें वित्तीय अधिकार दे दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्णयों में साफ किया है कि प्रशासक तभी नियुक्त किया जा सकता है, यदि ग्राम सभा को किन्ही कारणों से भंग कर दिया गया हो।
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