हल्द्वानी 10 फरवरी स्थानीय राणा बैंकट हॉल तीन पानी में एक विशाल सत्संग का आयोजन श्री प्रताप सिंह चौधरी जोनल इंचार्ज जोन चमोली की अध्यक्षता में आयोजित किया गया । यह समागम परम पूज्य महात्मा सोहन सिंह रावत जी जिनको डैडी जी उपनाम से सभी जानते हैं जिनका जन्म 1929 मैं बागेश्वर जिले के कोश्यारी गांव मैं हुआ और 30 जनवरी को तीनपानी हल्द्वानी मैं ब्रह्मलीन हो गये । एसे समर्पित जीवन जिसे आज हम सभी श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं परम पूज्य सोहन सिंह जी को ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति 55 वर्ष की उम्र में हुई इसके पश्चात वह 41 वर्ष अंतिम सांस तक उन्होंने इस ब्रह्मज्ञान का पूरे उत्तराखण्ड में निर्भीक होकर प्रचार प्रसार किया और पूर्ण रूप से सद्गुरु को समर्पित हो गए गीता में लिखा है कि जब अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति का आग्रह किया तब उन्होंने कहा कि ब्रह्मज्ञान तभी प्राप्त हो सकता है जब स्वयं के मन से भ्रम शंकाओं का त्याग कर समर्पित भाव से प्रभु प्राप्ति की इच्छा जागृत हो समर्पण भाव में स्थित अर्जुन को जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण से ब्रह्मज्ञान की दात प्राप्त हुई वैसा ही भाव हमारे परम पूज्य संत सोहन सिंह रावत जी का था
मानव चाहता है कि इंसान इंसान बनकर जिए सभी आपस में प्यार से रहे सभी इंसानियत को अपनायें हमारे में एकता आए लेकिन यह तब तक संभव नहीं है जब तक ऐसा चाहने वालों की इस बात पर सहमति नहीं बनती कि हम सबका परमपिता परमात्मा एक है उन्होंने कहा कि परमात्मा की जानकारी हासिल होने पर ही इंसान इसके नाम से ऊपर उठकर परमात्मा से अपना संपर्क स्थापित करता है और एक परमात्मा से रूबरू होकर अलग अलग नाम का भ्रम खत्म हो सकता है और भ्रम खत्म होने से ही इंसानी एकत्व स्थापित हो सकता है वर्तमान समय में निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज परमात्मा से रूबरू करवा कर सभी ब्रह्म भ्रांतियां को समाप्त करके एकत्व स्थापित कर रहे हैं।
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