दिल में लगी::परम मित्र निमंत्रण देने के बाद शादी में नही ले गया, दोस्त ने भीजवाया 50 लाख का मानहानि का नोटिस

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कलयुगी दुनिया मे हर सिन अजीबो गरीब मामले सामने आने लगे हैं। अब हरिद्वार में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है एक युवक को उसका मित्र शादी का निमंत्रण देने के बाद अपनी बारात में नहीं ले गया तो उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से पचास लाख की मानहानि का कानूनी नोटिस दिया है।
अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने बताया कि चंद्रशेखर गुरूवार की शाम मेरे ऑफिस में आया जो कि मानसिक रूप से बहुत परेशान था और सुसाइड करने की भी बात कर रहा था तो मैंने इसको बहुत समझाया और इससे कहा कि उसको लीगल नोटिस भेजा जाएगा तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो तब जाकर कहीं मुश्किल से माना।
भदौरिया के अनुसार एक शादी रवि पुत्र वीरेंद्र निवासी आराध्या कॉलोनी बहादराबाद की अंजू पुत्री रामकृपाल निवासी धामपुर जिला बिजनौर के साथ 23 जून को होनी तय थी जिसमें चंद्रशेखर पुत्र स्वर्गीय मुसद्दीलाल जो कि देवनगर कनखल के रहने वाले हैं रवि व चंद्रशेखर जो बहुत गहरे दोस्त हैं रवि ने अपने दोस्त चंद्रशेखर को एक लिस्ट बनाकर दी कि वह शादी के कार्ड उन लोगों को बांटेगा ताकि वह लोग रवि की शादी में 23 जून की शाम करीब 5 बजे धामपुर जिला बिजनौर के लिए रवाना होंगे।
रवि के कहने पर चंद्रशेखर ने मोना,काका,सोनू,कन्हैया,छोटू व आकाश इन सभी लोगों को कार्ड बांटे और यह आग्रह किया कि आप लोग 23 जून की शाम 5 बजे शादी के लिए अपनी सुविधानुसार वाहन में चलने को तैयार रहना और चलना है यह सभी लोग चंद्रशेखर के साथ शाम करीब 4:50 पर पहुंच गए और वहां जाकर पता चला कि बारात तो जा चुकी है जिसके बाद चंद्रशेखर ने रवि से जानकारी ली तो रवि ने बताया कि हम लोग जा चुके हैं और आप लोग वापस चले जाओ जिस पर चंद्रशेखर के कहने पर जो लोग शादी में जाने के लिए आए हुए थे उन सभी लोगों को दुख पहुंचा और उन सभी ने चंद्रशेखर को अत्यधिक मानसिक प्रताड़ना पहुंचाई और चंद्रशेखर की छवि को खराब किया और रिश्ता खत्म करने की चेतावनी दी जिसके लिए जानबूझकर रवि द्वारा चंद्रशेखर की मानहानि की इस संबंध में चंद्रशेखर ने रवि को फोन पर भी मानहानि के संबंध में सूचना दी लेकिन उसने ना तो कोई खेद प्रकट किया ना ही कोई खेद व्यक्त किया।मित्र के व्यवहार से आहत चंद्रशेखर ने अपने एडवोकेट अरुण भदोरिया के माध्यम से एक कानूनी नोटिस रवि को भिजवाया है जिसमें कहा गया है कि 3 दिन के भीतर उनके द्वारा की गई मानहानि के संबंध में सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करें साँथ ही 50 लाख रुपये दिया जाना सुनिश्चित करें यदि लीगल नोटिस का अनुपालन नहीं किया गया तो सक्षम न्यायालय के समक्ष वाद दायर किया जाएगा।

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