मेडिकल स्टोर में फार्मासिस्ट न मिलने पर लाइसेंस निरस्त किए जाने की कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल स्टोर में काम करने वाले फार्मासिस्ट को बाकायदा ड्रेस पहन कर और नेम प्लेट लगाकर रखना होगा। इस सम्बन्ध में ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह ने उत्तरांचल औषधि व्यवसाय महासंघ के अध्यक्ष और महासचिव को व्यवस्था बनाने के निर्देश जारी किए।
ड्रग कंट्रोलर ने साफ किया कि फुटकर मेडिकल स्टोर पर औषधि अधिनियम 1940 के तहत तय मानक संचालन कार्यप्रणाली को हर हाल में सुनिश्चित करना होगा। मेडिकल स्टोर में दवाइयों का वितरण पंजीकृत फार्मासिस्ट की देखरेख में ही करना होगा। अब भविष्य में दोबारा गड़बड़ी, लापरवाही पाए जाने पर सीधे लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। दुकानों में नो बिल नो पिल का बैनर लगाना होगा। सीसीटीवी अनिवार्य रूप से लगाना होगा।
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