कर्ज से परेशान सहारनपुर के सर्राफा कारोबारी ने पत्नी के साथ गंगा में छलांग लगा दी। सोमवार को उसका शव गंगनहर से बरामद हुआ, जबकि उसकी पत्नी की तलाश जारी है। हरिद्वार पुलिस के अनुसार, सोमवार सुबह जमालपुर खुर्द के पास गंगनहर के किनारे दलदल में शव बरामद हुआ। उसके कपड़ों से मोबाइल फोन और पर्स बरामद हुआ।पर्स में मिले कागजों से मृतक की पहचान 35 वर्षीय सौरभ बब्बर निवासी किशनपुरा, नगर कोतवाली, सहारनपुर (यूपी) के रूप में हुई। जांच में सामने आया कि पेशे से सर्राफा कारोबारी सौरभ अपनी पत्नी मोना के साथ 10 अगस्त को हरिद्वार पहुंचा था। हरकी पैड़ी स्थित हाथी पुल से गंगा में कूदने से पहले उसने फोन पर अपने परिजनों से बात की। व्हाट्सऐप पर सेल्फी, सुसाइड नोट और अपनी लोकेशन भी भेजी थी। परिजनों ने इस संबंध में पुलिस से संपर्क किया था।
कोतवाली प्रभारी विजय सिंह ने बताया कि सौरभ सहारनपुर में साईं ज्वेलर्स के नाम से दुकान चलाता था। किट्टी के कारोबार से जुड़ा था। इसी के चलते उस पर कर्ज हो गया था। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, जबकि मोना की तलाश जारी है।मैं सौरभ बब्बर कर्ज के दलदल में इस कदर फंस गया हूं कि बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है। अंत में मैं और मेरी पत्नी मोना बब्बर अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं, इस दुनिया को अलविदा…। यह सुसाइड नोट पुलिस को आत्महत्या करने वाले सर्राफ के दोस्त के व्हाट्सऐप पर मिला है। सर्राफा व्यापारी सौरभ बब्बर की आत्महत्या के बाद सहारनपुर में हर कोई हैरान है। आत्महत्या करने से पहले सौरभ और उसकी पत्नी परिस्थितियों के सामने टूट चुके थे।
आत्महत्या करने से पहले सौरभ बब्बर ने एक सुसाइड नोट
अपने दोस्त को व्हाट्सऐप किया था। इसमें सौरभ ने लिखा है
कि वह कर्ज के दलदल में फंस गया है। इससे बाहर निकलने
का रास्ता नहीं मिल रहा है। इस कारण वह और उसकी पत्नी
अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। सौरभ ने बच्चों के लिए
भी सुसाइड नोट में लिखा कि हमारी किशनपुर वाली प्रॉपर्टी
मकान व दुकान हमारे दोनों बच्चों के लिए हैं। हमारे दोनों बच्चे
अपनी नानी के साथ घर पर रहेंगे। हमें किसी और पर भरोसा
नहीं है। यही नहीं कर्ज के लेनदारों का भी जिक्र उन्होंने किया
था। सौरभ ने लिखा कि हमारे लेनदारों को हमने अंधाधुंध
ब्याज दिया है, हम अब और ब्याज नहीं दे पा रहे।
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