ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, भीमताल में CE2CT-2025 के दूसरे दिन हुआ शोध और नवाचार का संगम

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भीमताल। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, भीमताल कैंपस में आयोजित “फर्स्ट इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एडवांसेस इन कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (CE2CT-2025)” के दूसरे दिन तकनीकी सत्रों में शोध और नवाचार की गूंज सुनाई दी। मुख्य अतिथि प्रो. एस.एन. सिंह (निदेशक, एवीबी-आईआईआईटी ग्वालियर, एडवाइजर-1, IEEE UP सेक्शन) ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक स्तर पर अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने में ऐसे सम्मेलनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने शोध में जुनून की आवश्यकता पर बल दिया और तकनीकी प्रगति में सहयोग और संवाद के महत्व को रेखांकित किया। विशिष्ट अतिथि प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट (कुलपति, एसएसजे यूनिवर्सिटी, अल्मोड़ा) ने छात्रों को तकनीकी प्रगति को अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि “तकनीक के विकास से नौकरियां खत्म नहीं होंगी, बल्कि उनका स्वरूप बदलेगा और नए कौशल एवं दृष्टिकोण की मांग बढ़ेगी।”

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तकनीकी सत्रों में कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया। डॉ. अस्तित्व कुमार (NSUT, दिल्ली) ने IEEE यंग प्रोफेशनल्स प्रोग्राम पर व्याख्यान दिया, जिससे छात्रों को वैश्विक शोध अवसरों की जानकारी मिली। डॉ. दीपक एल. वैकार (चेयर, IEEE एजुकेशन सोसाइटी) ने वर्चुअल डिजिटल टीचर्स और उनकी शिक्षा में संभावनाओं पर चर्चा की। वहीं, मिस्टर अंश डिंगरा (लेक्चरर, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, भीमताल) ने हैकिंग डिवाइसेज का लाइव प्रदर्शन कर Wi-Fi एवं ब्लूटूथ सुरक्षा खतरों के बारे में जागरूक किया।

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सम्मेलन में 250 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा, 5G तकनीक, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, मशीन लर्निंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। अक्षय कुमार एवं मधुर चौहान को उनके उत्कृष्ट शोध के लिए सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार (Best Paper Award) से सम्मानित किया गया।

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कैम्पस डायरेक्टर ने सम्मेलन की तुलना पहाड़ों में होने वाली बारिश से करते हुए कहा, “पहाड़ों में बारिश नहीं होती, बल्कि मूसलधार पानी बरसता है, और बीते दो दिनों में हमने ज्ञान की ऐसी ही वर्षा का अनुभव किया।”

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