भवाली। रामगढ़ वन पंचायत सरपंच संगठन अध्यक्ष कमल सुनाल के नेतृत्व में सरपंचों ने विधायक राम सिंह कैड़ा को ज्ञापन देकर वन पंचायत को वन अधिकार कानून दायरे में लेकर कानूनी मान्यता दिए जाने की बात को लेकर ज्ञापन सौपा। पत्र लिख कहा कि वन मंत्री ने वन पंचायत को ग्राम प्रधान के हवाले की बात पर बयान देकर गलत किया है। जिसके लिए सरपंच उग्र आंदोलन करेंगे। कहा कि उत्तराखंड में अनादि काल से वनों पर स्थानीय जनता की निर्भरता रही है। कृषि पशुपालन के लिए जंगल पर ही निर्भर रहना पड़ता है। कहा पहाड़ में आज भी वन का अर्थ जीवन है। कहा कि वन पंचायत नियमावली में संसोधन के बाद वन पंचायत की स्वायत्तता समाप्त कर लोगो के अधिकार वन विभाग ने ले लिए है। वन पंचायत में सरपंच सिर्फ चौकीदार बनकर रह गया है। कहा वन पंचायत के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर आग से वनों को बचाने का काम करते हैं। इस दौरान राजेन्द्र खत्री, गोपाल लोधियाल, कैलाश खोलिया, गणेश जोशी आदि रहे।
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