दुःखद::नवम्बर में थी बेटी शादी बाखली के साथ सारा सामान जला

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बल्याऊं गांव में एक परिवार की दीवाली की खुशियां अग्निकांड की एक घटना से मातम में बदल गई। मंगलवार देर शाम परिजन लक्ष्मी पूजन की तैयारी कर रहे थे कि एकाएक दोमंजिला मकान में भीषण आग लग गई। देखते ही देखते मकान में मौजूद सारे सामान के साथ ही नवम्बर में बेटी की शादी के लिए बनाए सोने के आभूषण भी आग की भेंट चढ़ गए। आग लगने का कारण शॉट सर्किट होना बताया जा रहा है।

थल बाजार से करीब छह किमी दूर बल्याऊं गांव में हयात सिंह मेहरा पुत्र हिम्मत सिंह मेहरा अपने पैतृक गांव में पत्नी हेमा देवी, बेटी रेनू मेहरा के साथ रहते हैं। बीते देर शाम छह बजे के करीब परिवार के सभी सदस्य दीवाली पर्व की खुशियां मना रहे थे। इस बीच एकाएक मकान में आग लग गई। मेहरा परिवार कुछ समझ पाता तब तक देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। ग्रामीणों ने आग बुझाने की भरसक कोशिश की, लेकिन जब तक आग बुझती तब तक मकान के अंदर मौजूद सारा सामान जलकर राख हो गया। मेहरा ने बताया कि बीते 35 वर्षों से वह अपने परिवार के साथ मकान में रह रहे थे। बताया कि अग्निकांड के आधे घंटे के भीतर छह बोरे धान, सात बोरे गेहूं, टीवी, पंखा, बिस्तर, बर्तन आदि दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली सामाग्री स्वाहा हो गई। उन्होंने बताया कि आगामी नवंबर माह में उनकी बेटी रेनू का विवाह होना है। बताया कि बेटी की शादी के लिए पांच तोला सोने के आभूषण बनाकर रखे हुए थे। इसके अलावा शादी का अन्य सामान भी था। अग्निकांड में सब कुछ जलकर राख हो गया है। उन्होंने दावा किया है कि अग्निकांड से उन्हें 65 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है। इधर, घटना की जानकारी के बाद बुधवार को राजस्व उपनिरीक्षक सुमन भंडारी, राजस्व उपनिरीक्षक विपिन कापड़ी, राजस्व उपनिरीक्षक दीपक पंचोली की टीम घटनास्थल पहुंची और नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट बनाई।

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बाखली की आग बुझाने को बाल्टियों से पानी डालते रहे ग्रामीण

पिथौरागढ़। आग लगने की जानकारी मिलते ही गांव के लोग हयात सिंह मेहरा की मदद में जुट गए। मिली जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों ने बाल्टियों से पानी भर-भर कर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका।

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