जेल जा चुके निलंबित अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने वर्ष 2017 में ही एई-जेई प्रश्नपत्र लीक करने का ताना-बाना बुन लिया था, उसी ने ही पेपर लीक करने के लिए अपने सहकर्मी अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार को राजी किया था। पेपर लीक करने की एवज में उसने संजीव कुमार को 28 लाख की रकम अदा की थी। एसआईटी की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
पटवारी भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र लीक प्रकरण के मुख्य सूत्रधार रहे निलंबित अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की देखरेख वर्ष 2017 में एई-जेई की परीक्षा कराने की तैयारी शुरू हुई थी। परीक्षा को लेकर अभी एक्सरसाइज चल ही रही थी कि उसका तबादला दूसरे विभाग में कर दिया गया। इस परीक्षा की जिम्मेदारी जिस विभाग को दी गई, उसमें अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार तैनात था। चूंकि संजीव चतुर्वेदी ने प्रश्नपत्र लीक करने का ताना-बाना बुन लिया था, इसलिए उसने अपने सहकर्मी अनुभाग अधिकारी पर डोरे डालने शुरू कर दिए।
एई-जेई परीक्षा का प्रश्नपपत्र सेट संजीव कुमार के कब्जे में था, उसने उस प्रश्नपत्र के मोबाइल फोन से फोटो खींचकर संजीव चतुर्वेदी को उपलब्ध कराए थे। प्रश्नपत्र लीक करने की एवज में उसे 28 लाख की रकम अदा की गई थी। सूत्रों के अनुसार 28 लाख की रकम मिलने पर अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार ने उसे ठिकाने लगाने के लिए अपने रिश्तेदार को बड़ी रकम दी। एसआईटी की जांच में संजीव कुमार की संलिप्तता केवल एई-जेई परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने में ही सामने आई है, पर फिर भी जांच अभी जारी है।
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