रामगढ़ में उद्यान भूमि बचाने को उग्र आंदोलन को बनाई रणनीति

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भवाली। रामगढ़ उद्यान भूमि बचाओ संघर्ष समिति व ग्रामीणों का धरना प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा। जनप्रतिनिधियों व किसानों ने मिलकर उग्र आंदोलन को रणनीति तैयार की है। सात दिन से धरना स्थल में बैठे किसानों ने सरकार से नाराजगी जताते हुवे, आंदोलन की तैयारी कर ली है। यहां सरकार होश में आओ, उद्यान भूमि वापस लो नारे लगाए। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार कृषि कार्य के लिए जमीन हस्तांतरण कर सकती है। उद्योग लगाने के लिए जनता किसी हाल में सहमत नही होगी। हमारी सरकारें भूमि व संसाधनों को बेचने का काम कर रही है। यहां भौगोलिक क्षेत्र होने से पर्यटक हमेशा आता है, फ्रूट प्रोसैसिंग के क्षेत्र में कार्य करे। सरकार जोशीमठ केदारनाथ इस क्षेत्र बनाने में तुली है। प्रदेश आपदा से जूझ रहा है। सरकार जमीन अपने हाथों में लेकर ग्रामीणों के हित में कार्य करे। उद्यान की 4.4 एकड़ जमीन जनता को छल कर हस्तांतरित कर दी। मानकों के अनुसार 80 फीसदी जनता से राय लेना जरूरी था। सरकार की मंशा निजी स्वार्थ होना बताया रही है। कहा कि अगर सरकार ने नही सुनी तो आमरण अनशन कर सड़क जाम कर उग्र आंदोलन किया जाएगा। उद्यान बचाओ संघर्स समिति व ग्रामीणों द्वारा राजस्व निरीक्षक के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन भेजा गया।
अभय पांडे, राजेंद्र गुलाटी, राजीव जोशी,नवाब हुसैन, मुदित जोशी,अमन दरमवाल, पृथ्वी राज सिंह,चेतन,
सौरव, नरेंद्र दर्मवाल,खिवराज बिष्ट,
बिमल पांडे, ललित जोशी,
भानू प्रताप सिंह दर्मवाल,अभिषेक जोशी,अजय बिष्ट,तारा दत्त भट्ट रहे।

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