भवाली। पहाड़ की महिलाएं अब दराती छोड़ धड़धड़ाती मशीन से घास काटेंगी। महिलाएं आधुनिकता की ओर कदम बढ़ाकर मिशाल पेश कर करेंगी। घास काटने वाली मशीन पहाड़ की महिलाओं का जीवन बदलने में बेहतर योगदान देंगी।
असौज और कार्तिक माह पहाड़ की महिलाओं के कंधों पर भारी बोझ लेकर आता रहा है। असौज में पहाड़ की महिलाएं खेतों से घास काटकर मवेशियों के लिए साल भर के चारे का भंडारण करती हैं। पहाड़ में घास काटने के बाद सुखाकर उसके लूट्टे लगाए जाते हैं। असौज के दो माह पहाड़ की महिलाएं दिन रात मेहनत कर घास काटने का काम करती हैं। दराती से घास काटने में महिलाओं को अत्यधिक श्रम करना पड़ता है, लेकिन अब ब्लॉक स्तर से ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई है। घास काटने वाली मशीन ने पहाड़ की महिलाओं की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाएगी।
90 फीसदी सब्सिडी में मिल रही मशीन
ग्राम प्रधान ज्योति बिष्ट ने बताया कि ब्लॉक में घास काटने की मशीन के लिए योजना है। कई ग्रामीण इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। ब्लॉक स्तर से ऑनलाइन पंजीकरण कर 90 प्रतिशत सब्सिडी में घास काटने की मशीन मिल रही है जो भूमिधर किसान है, वह समूह बनाकर ले सकते हैं। मशीन के लिए चार-चार हजार जमा कर सकते हैं। मशीन से महिलाओं का बोझ 75 फीसद घट गया।
20 महिलाओं की मेहनत के बराबर मशीन काम कर रही
हाथ से चलाने वाली मशीन को पुरुष चलाने लगे तो ये एक दिन में 20 महिलाओं के बराबर घास काट सकती है। करीब 20 महिलाओं की मेहनत के बराबर काम यह मशीन एक लीटर पेट्रोल में काम कर रही है।
कोट…
ब्लॉक में योजना है। घास काटने वाली मिशन ऑनलाइन पंजीकरण कराने के बाद ग्रामीणों को उपलब्ध होगी।
डॉ हरीश बिष्ट, ब्लॉक प्रमुख भीमताल
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