रामगढ़ के गाँवो में इस बार प्रवासियों के आंगन में भी जलेंगे दीप

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  • युवाओं ने टोलियां बनाकर कर ली है दीप जलाने की तैयारी

भवाली। दीपावाली पर पलायन के कारण सालों से अंधेरे से घिरे घर इस बार रोशन दिखाई देंगे। जिससे प्रवासियों के पहाड़ के घर के आंगन भी रोशन हो सकेंगे। लेकिन इस उजाले के पीछे उन घरों के मालिक नहीं, बल्कि पहाड़ से प्रेम करने वाले रामगढ़ झुतिया तोक रेतीखान गाँव के 27 वर्षीय युवा ग्रामीण धीरज शर्मा की टीम अभियान चलाकर घरों को रोशन करेगी। रामगढ़ ब्लाक के करीब 25 से अधिक गाँवो के बन्द घरों में दीप जलाने के लिए अपने साथियों के साथ अभियान चलाएंगे। घर मालिकों को फोन कर त्योहारों पर अपने गांव आकर दीपावाली मनाने का निवेदन भी करेंगे। युवा धीरज शर्मा विनोद ने कहा कि उनके गांव में कई परिवार सालों पहले हल्द्वानी दिल्ली व अन्य शहरों में बस गया। लेकिन उनका दिल आज भी पहाड़ों पर बसा है। पहाड़ की सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने के लिए धीरज इस बार अभियान चलाकर लोगो को त्यौहार मनाने के लिए गाँव आने का निमंत्रण देंगे। और जो नही आ पाएंगे उनके घरों में दीप जलाकर रोशन करेंगे, और हर गाँव केयुवाओं को इससे जोड़ा जाएगा। धीरज ने बताया कि टीम बनाकर अलग अलग टोलियों में बंटकर हर गाँवो के युवाओ को जोड़कर बंद पड़े घरों में दीप जलाए जाएंगे। इसके साथ ही प्रवासियों को त्योहारों पर गांव लौटने का निमंत्रण भी दिया जाएगा। कहा कि इस मुहिम को हर त्यौहार में जारी रखा जाएगा। जिससे प्रवासियों को उत्तराखंड की संस्कृति त्योहारों से जोड़ा जा सके। इस बार दीवाली में किसी घर को अंधेरे में नहीं छोड़ा जाएगा।

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