सरकार उत्तराखंड में फ़िल्म बनाने के लिए कई अवसर और छूट देती आई है। अब सरकार दो करोड़ तक कि मदद भी फ़िल्म बनाने को करेगी। उत्तराखंड की नई फिल्म नीति में इसका प्रावधान किया जा रहा है।
सीएम के निर्देश पर मंगलवार को विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने नई फिल्म नीति में संशोधन को लेकर विभागीय अफसरों के साथ बैठक की। उत्तराखंड में अभी तक क्षेत्रीय बोली में फिल्म बनाने पर अधिकतम 25 लाख रुपये की मदद सरकार देती थी। अब इसे बढ़ाकर दो करोड़ रुपये तक किया जा रहा है। वहीं, उत्तराखंड में यदि किसी हिन्दी फिल्म की 75 फीसदी तक की शूटिंग होती है तो ऐसी फिल्मों के निर्माताओं को डेढ़ करोड़ की सहायता मुहैया कराई जाएगी। विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने फिल्म नीति को व्यवहारिक और सरल बनाने के निर्देश दिए। ताकि राज्य में अधिक से अधिक फिल्मों की शूटिंग हो और इससे रोजगार के मौके बढ़ सके। बैठक में प्रतिवर्ष उत्तराखंड में भी एक फिल्म फेस्टिवल कराने का निर्णय लिया गया, जिसमें क्षेत्रीय बोली और हिन्दी फिल्मों के अभिनेता व अभिनेत्री को पुरस्कृत किया जाएगा। बैठक में सूचना विभाग ई-ऑफिस का ढांचा शीघ्र विकसित करने, विभाग के पुनर्गठन का प्रस्ताव देने और कर्मचारियों को अधिक दक्ष बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में बैठक में अनु सचिव रजनीश जैन, संयुक्त निदेशक, आशीष कुमार त्रिपाठी, फिल्म विकास परिषद के नोडल अफसर व संयुक्त निदेशक केएस चौहान, उपनिदेशक, नितिन उपाध्याय, मनोज श्रीवास्तव मौजूद रहे।
छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट पुणे और सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन कोलकत्ता में प्रवेश लेने वाले उत्तराखंड मूल के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। उन्हें प्रतिवर्ष फीस का 50 फीसदी छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में नए डेस्टिनेशन पर फिल्म शूटिंग करने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। उत्तराखंड में फिल्म इंस्टीट्यूट खोलने, मल्टीप्लेक्स व सिनेमाघर बनाने पर भी सरकार सब्सिडी देगी।
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