नैनीताल के हर्षित को सितार वादन में मिला गंधर्व भूषण अवॉर्ड

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नैनीताल सरोवर नगरी के निवासी व लेक्स इंटरनेशनल स्कूल भीमताल के कक्षा नौ के छात्र हर्षित ने संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, झंकृति भाव इंटरनेशनल आश्रम बेंगलुरु के द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया इसमें 5576 प्रतिभागियों ने भाग लिया था, जिसमें 108 प्रतिभागियों का चयन किया गया था, जिसमें हर्षित ने सितार में प्रथम स्थान लेकर “गंधर्व भूषण” अवार्ड प्राप्त कियाI यह अवार्ड सितार वादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय व झंकृति भाव इंटरनेशनल आश्रम बेंगलुरु द्वारा प्रख्यात संगीत विद्वानों पंo श्री साजन मिश्रा जी, संगीत सम्राट पंo श्री रवि करण जी, पंo श्री देवाशीष भट्टाचार्य जी, पंo श्री पी झा जी व आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर द्वारा प्रदान किया गयाI उत्तराखंड से सभी शास्त्रीय विधाओं में एकमात्र हर्षित ही चयनित हुये थेI

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हर्षित लखनऊ घराने से संगीत की शिक्षा विधिवत अपने पिता जी श्रीअमृत कुमार (सितार वादक) तथा दादाजी श्री सुरेश कुमार (सितार वादक) से ले रहे हैंI हर्षित के परदादा गुरुजी प्रख्यात सितार वादक पंडित (स्वर्गीय) देवी राम आर्य जी रहे हैंI हर्षित के पिताजी श्री अमृत कुमार जी ने कहा कि गुरुजनों के आशीर्वाद से यह अवसर प्राप्त हुआ है, हर्षित लगातार राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सितार वादन की प्रस्तुति दे चुके हैं हर्षित सीसीआरटी नई दिल्ली द्वारा छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैंI हर्षित विगत वर्ष बाल प्रतिभा सम्मान व धात सुनो चैनल द्वारा बाल प्रतिभा सम्मान से सम्मानित हुये हैंI बागेश्वर उत्तरायणी महोत्सव 2023, युवा महोत्सव आदि में सम्मानित हो चुके हैं हर्षित कई राज्यों में सितार वादन की प्रस्तुति दे चुके हैंI लखनऊ, जलंधर यमुनानगर, हरियाणा, हाथरस और संगीत नाटक एकेडमी लखनऊ में प्रथम स्थान ले चुके हैंI हर्षित की इस उपलब्धि पर लेक्स इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक /प्रधानाचार्य श्री एसo एसo नेगी जी सहित शिक्षक वर्ग ने बधाई दी हैI माया चनियाना (प्रधानाचार्य गदरपुर) रविकांत राजू (धात संस्था) अनिल घिल्डियाल, जहूर आलम, अमन महाजन, दिनेश कटियार आदि ने इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीI हर्षित ने इस उपलब्धि के लिए अपने परिवार माता-पिता व सभी संगीत के मर्मज्ञ गुरुओं को धन्यवाद ज्ञापित किया, और कहा कि इन्हीं के परम आशीर्वाद से मैं गंधर्व भूषण सम्मान से सम्मानित हुआ हूंI उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि भविष्य में इसी तरह संगीत की इस पुरातन विधा की साधना करूंगा, और अपने माता-पिता, गुरूजनों, अपने जनपद, उत्तराखंड राज्य सहित समूचे देश का नाम रोशन करूंगाI

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