भीमताल। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी, भीमताल कैंपस में चल रहे ‘गुरु-दक्षता फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम’ के अंतर्गत एक अत्यंत रोचक और ज्ञानवर्धक सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) खड़गपुर के उन्नत प्रौद्योगिकी विकास केंद्र (ATDC) के एसोसिएट प्रोफेसर एवं सेंटर फॉर टीचिंग लर्निंग एंड वर्चुअल स्किलिंग के चेयरमैन डॉ. श्यामल कुमार दास मंडल द्वारा संचालित किया गया।
सत्र के दौरान डॉ. मंडल ने आउटकम-बेस्ड असेसमेंट (Outcome-Based Assessment) को लागू करने की प्रक्रिया पर गहन चर्चा की। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मान्यता (Accreditation) केवल कागजी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसे शिक्षण के दैनिक अभ्यासों में प्रभावी रूप से एकीकृत करना आवश्यक है। उन्होंने Instructional System Design Principle (ISDP) को विस्तार से समझाया और प्रश्न पत्रों की वैधता जांचने की विधियों पर प्रकाश डाला, जिसमें Test Item Analysis (TIA) विशेष रूप से केंद्र में रहा।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में सहभागियों के साथ एक इंटरैक्टिव चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें ‘फैसिनेशन वैल्यू’ और ‘डिस्ट्रिब्यूशन इंडेक्स’ जैसे मापदंडों पर विशेष रूप से चर्चा हुई। इसके साथ ही लर्निंग आउटकम्स को असेसमेंट से मैप करने की व्यावहारिक गतिविधि ने सत्र को और भी उपयोगी और समृद्ध बनाया।
इससे पहले, कार्यक्रम के आरंभिक सत्र में आईआईटी खड़गपुर के ही असिस्टेंट प्रोफेसर एवं सेंटर के वाइस चेयरमैन डॉ. कुशल कुमार भगत द्वारा आईसीटी टूल्स, ब्लेंडेड और फ्लिप्ड क्लासरूम मॉडल तथा एजुकेशनल टेक्नोलॉजी ट्रेनिंग पर एक बहुमूल्य सत्र लिया गया, जिसे उपस्थित फैकल्टी सदस्यों ने अत्यधिक सराहा।
ये सभी सत्र शिक्षकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुए, जिन्होंने न केवल व्यावहारिक उपकरणों के उपयोग को सीखा, बल्कि आउटकम-बेस्ड एजुकेशन को सशक्त रूप से लागू करने की रणनीतियों से भी परिचित हुए।

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