उत्तराखंड की नौकरियों में दूसरे राज्य के व्यक्ति को समान श्रेणी में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। उत्तराखंड की बेसिक शिक्षक भर्ती में शामिल दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों की वजह से उठे विवाद को लेकर कार्मिक विभाग ने आरक्षण पर स्पष्ट राय दे दी है। कार्मिक विभाग का कहना है कि पूर्व में 10 अक्टूबर 2002 में भी यह स्पष्ट किया जा चुका है।
दरअसल, पुनर्गठन अधिनियम की पांचवीं-छठीं अनुसूची में उत्तराखंड की अनुसूचित व अनुसूचित जनजाति अलग से चिन्हित हो चुकी है। ऐेसे में उत्तराखंड के अलावा किसी दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थी को राज्याधीन सेवाओं में एससी-एसटी के लिए मान्य आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता।
सूत्रों के अनुसार, मामले में कार्मिक व समाज कल्याण विभाग के बाद शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने न्याय विभाग से भी परामर्श मांगा था। न्याय विभाग की राय भी कार्मिक के अनुसार ही आई। अब शिक्षा विभाग को तीनों महकमों की राय को मद्देनजर रखते हुए निर्णय लेना है। शिक्षा सचिव मामले में जल्द आदेश दे सकते हैं। उधर, बेसिक शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल ने कहा कि मामले में शासन से दिशानिर्देश मांगे हैं। निर्देश मिलने पर आगे कार्यवाही होगी।
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