कैंची धाम के जाम से कुमाऊं मंडल की बढ़ रही दिक्कतों को दूर किए जाने को सचिव पर्यटन धीराज गर्ब्याल की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई बैठक में कैंची धाम की धारण क्षमता का आंकलन कराने का निर्णय लिया गया। इसके बाद ही पंजीकरण की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
कैंची के जाम से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ के आम जनजीवन और पर्यटन कारोबार पर पड़ रहे असर पर विचार मंथन हुआ। इस समस्या से आम जन को तत्काल कैसे निजात दिलाई जाए, इसके लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर चर्चा हुई। तय हुआ कि कैंची धाम में प्रतिदिन और विशेष तारीखों पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का सटीक आंकलन किया जाएगा। इसके लिए धारण क्षमता जानने को स्टडी करवा कर रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। कैंची धाम में केदारनराथ मंदिर की तरह हेड काउंट कैमरे लगाए जाएंगे।
जाम से निपटने को टनल और बाईपास पर चर्चा
कैंची धाम के जाम से निपटने को लोनिवि की ओर से भी कई प्लान पर आगे बढ़ा जा रहा है। टनल बनाने के साथ ही बाईपास तैयार कराने की तैयारी है। अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जाने वालों को कैंची रोड के अलावा दूसरी सड़कों का विकल्प मिल सके, इसके लिए लोनिवि की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।
कैंची धाम के जाम से निजात दिलाने को सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। जल्द इन सभी विकल्पों पर काम शुरू किया जाएगा। योजनाओं को धरातल पर उतारने से पहले जरूरी औपचारिकताओं और प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा।
-धीराज गर्ब्याल, सचिव पर्यटन


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