भाई का जनेऊ संस्कार कर लौट रहा था राजेंद्र, पुष्कर की चार साल की बेटी रोक रही थी अपने पापा को

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घर से रुद्रपुर को जा रहे दोस्तों को क्या पता आगे काल बैठा है। हंसी-खुशी के माहौल में वापस लौट रहे राजेंद्र सिंह को मां ने दो दिन बाद जाने को कहा था। इसके लिए रीति-रिवाज का भी हवाला दिया। लेकिन राजेंद्र ने उनकी बात नहीं सुनी। सड़क दुर्घटना में साथी पुष्कर के साथ उसकी असमय मौत हो गई। खुपी में सड़क हादसे में भैंसियाछाना के कनारीछीना, हटोला निवासी दो राजेंद्र सिंह और पुष्कर सिंह की मौत हो गई। रुद्रपुर में नौकरी करने वाला राजेंद्र अपने भाई कमल के जनेऊ संस्कार में शामिल होने बुधवार को गांव आया था। उसके साथ गांव का ही पुष्कर भी था। गुरुवार को जनेऊ संस्कार में नाच गाना भी हुआ और जश्न भी मना। सब कुछ हंसी-खुशी निपटा। लेकिन पुष्कर को नौकरी पर वापस जाना था। शुक्रवार को दोनों जा रहे थे। सुबह वापस जाने की तैयारी होने ही लगी कि एकाएक राजेंद्र की मां पुष्पा देवी बोली, बेटा आज पश्चिम की ओर नहीं जाते। एक दिन रुक जा कल चले जाना। राजेंद्र ने मां की बात को हंसी में टाल दिया और पुष्कर के साथ रुद्रपुर के लिए निकल गया। शाम को बाइक दुर्घटना में भैसियाछाना के दो युवकों की मौत हो गई है। मां का दिल घबराया। परिजनों ने पुष्टि की तो पता चला कि मरने वाला उनके जिगर का टुकड़ा राजेंद्र और उसका दोस्त पुष्कर है।मृतक राजेंद्र के भाई कमल का एक दिन पहले ही जनेऊ हुआ था। हल्दी लगे भाई को इस बात का अंदाजा कतई नहीं था कि एक दिन में उसकी खुशियां मातम में बदल जाएंगी। दुर्घटना में मौत की खबर सुनते ही वह सदमे में आ गया। हल्दी लगे हाथों से वह अपने आंसू पोछता रहा। वहीं राजेंद्र के पिता ने बताया उसके रिश्ते की बात चल रही थी। वह जल्द ही उसकी शादी करने वाले थे।हादसे में पुष्कर की एक बेटी है। चार साल की बेटी भी पिता के घर आने से खुश थी। पुष्कर के लौटते वक्त यह कहकर बेटी को समझाया था कि पिता जल्द लौटकर आएंगे, लेकिन मासूम को क्या पता था कि वह अब नहीं आएगा।

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