हर तरफ लोग घरों में दीवाली का जश्न मना रहे हैं, वहीं चौखुटिया में आंदोलनकारी स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग को लेकर आमरण और क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं। ऐसे हालात आंदोलनकारियों के परिजनों की आंखों को नम कर रहा है। कहना है कि एक ओर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बच्चे अपना सब कुछ न्योछावर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर से बेसुध सरकार आंखें मूंदे तमाशा देख रही है।
चौखुटिया सीएचसी में डॉक्टर और संसाधनों की मांग के लिए लोगों का आंदोलन 18 वें दिन भी जारी रहा। बीते छह दिनों से पूर्व प्रधान चंद्रा कोहली आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं। दीवाली के बीच सबके घर रोशनी से जगमग हैं, लेकिन वह बदहाली का दंश झेल रही चौखुटिया की जनता के स्वास्थ्य में उजाला करने को डटी हुई है, लेकिन चंदा की मां हंसी देवी नम आंखों से रविवार को आंदोलन स्थल पहुंची। उन्होंने बेटी से कुशलछेम पूछी। आंदोलन स्थल पर भावुक होते ही बेटी को गले से लगाकर स्वास्थ्य के बारे में पूछा और दीवाली पर घर आने के बारे में बातचीत की। आंदोलनकारी चंद्रा ने दीपावली अनशन आंदोलन स्थल पर ही बनाने की बात कही। शादी वाली लड़कियां भी पर्व पर मां से मिलने मायके पहुंचती हैं, लेकिन मेरी बेटी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अनशन स्थल पर बैठी है। मुझे इसका गर्व तो है, लेकिन त्योहार पर बेटी का घर में नहीं रहना मां के मन को दुखी भी करता है।
उन्होंने पूरी व्यवस्था के लिए सरकार पर ठीकरा फोड़ा। कहा मेरी बेटी को कुछ हुआ तो उसकी जिम्मेदार सरकार रहेगी। वहीं, मां के आंदोलन स्थल पहुंचने से लोगों में जोश भरा। आंदोलनकारियों ने फिर दोहराया जब तक मांग पूरी नहीं होगी, उनका आंदोलन बदस्तूर जारी रहेगा।
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