ऑपरेशन कालनेमि के तहत देहरादून पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे पहचान बदलकर रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को उसकी भारतीय पत्नी के साथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिला देहरादून जिले के जौनसार-बावर क्षेत्र के त्यूणी की रहने वाली बताई गई है। महिला के सहयोग से ही आरोपी ने आधार, पैन कार्ड समेत अन्य पहचान पत्र फर्जी तरीके से बनवाए थे।बांग्लादेशी नागरिक देहरादून के एक क्लब में बाउंसर के रूप में काम कर रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि उसकी महिला से पहचान फेसबुक के माध्यम से हुई थी। इसके बाद वह वर्ष 2019 में पहली बार टूरिस्ट वीजा पर भारत आया और महिला के साथ कुछ समय रहने के बाद वापस बांग्लादेश चला गया।आरोपी वर्ष 2020 और 2021 में दोबारा टूरिस्ट वीजा पर भारत आया, लेकिन कोरोना काल के दौरान वीजा समाप्त होने के बाद भी वापस नहीं गया। इस दौरान वह महिला के साथ अवैध रूप से सीमा पार कर बांग्लादेश गया, जहां दोनों ने निकाह किया। कुछ समय बाद दोनों अवैध तरीके से भारत लौट आए और नेहरू कॉलोनी सहित शहर के कई स्थानों पर किराए के मकानों में अलग-अलग नाम से रहने लगे।
जांच में सामने आया कि महिला ने अपने पूर्व पति सचिन चौहान के नाम पर आरोपी के फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज तैयार करवाए। इसके बाद दोनों “रीना और सचिन चौहान” के रूप में पति-पत्नी बनकर रहने लगे।
पुलिस टीम ने सूचना के आधार पर दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपराध स्वीकार किया। आरोपी की पहचान ममून हसन पुत्र मौ. अली यासीन, निवासी आनंदोवास, थाना मुजीबनगर, जिला मेहरपुर, बांग्लादेश के रूप में हुई। महिला ने अपना नाम रीना चौहान पुत्री विश्वजीत सिंह, निवासी ट्यूटार, पोस्ट बिरनाद, तहसील त्यूणी, देहरादून बताया।
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