बदलते समय और सोच के बीच अब शादी से पहले पार्टनर एक दूसरे की जासूसी करवा रहे हैं। वर-वधू होने से पहले पार्टनर अब केवल भावनाओं में नहीं बह रहे बल्कि प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियों से जासूसी करा पृष्ठभूमि की जांच करवा रहे हैं। ताकि भविष्य में किसी प्रकार के विवाद के बाद रिश्तों की डोर न टूटे। उत्तराखंड में भी कई डिटेक्टिव एजेंसियां सक्रिय हैं, जो मंगेतरों या रिलेशनशिप में रहे रहे युवाओं की जासूसी कर रही हैं। प्रेम संबंधों के चलते वैवाहिक जीवन में पैदा हो रहे विवाद और तलाक के बढ़ रहे मामलों से इसका प्रचलन बढ़ा है। उत्तराखंड में भी पिछले दो तीन सालों में प्री और पोस्ट वेडिंग इंवेस्टिगेशन के मामले 30 प्रतिशत तक बढ़े हैं। बीते कुछ समय से पारंपरिक तरीकों की बजाय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिश्ते तय हो रहे हैं। इसमें अधिकांश का वैवाहिक जीवन विवादों से घिरा रहा है। वर-वधू के परिवार की ओर से रिश्ता तय करते वक्त मिली जानकारियां बाद में झूठी निकलीं। कई मामलों में वर-वधू के प्रेम संबंध भी उजागर हुए हैं। जिस कारण विवाद के बाद अपराध तक हुए हैं। ऐसे खतरों को मोल लेने से बचने को मंगेतर जासूसी करवा रहे हैं।
कैसे और क्या-क्या जानकारी जुटाते हैं : डिटेक्टिव घंटों तक संबंधित पर नजर रखते हैं। उनकी गतिविधियों को ट्रैक करना, उनसे मिलने वाले लोगों की पहचान करते हैं। इसके लिए वाहनों और छुपे हुए कैमरों का इस्तेमाल भी होता है। अलग-अलग लोगों से बात करके जानकारी एकत्र करते हैं। जिसमें पिछले इतिहास, वित्तीय रिकॉर्ड, आपराधिक इतिहास और शिक्षा व कार्य अनुभव की पुष्टि तक करते हैं
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