केंद्र सरकार ने मार्च 2027 से जातिगत गणना के साथ ही भारत की 16वीं जनगणना कराने के लिए सोमवार को अधिसूचना जारी की। पिछली बार ऐसी जनगणना वर्ष 2011 में हुई थी। यह जनगणना दो चरणों में की जाएगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि देश के ज्यादातर राज्यों में जनगणना के लिए एक मार्च 2027 की आधी रात को आधार माना जाएगा। बर्फबारी वाले राज्यों जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में यह तारीख एक अक्बूतर 2026 तय की गई है। देशभर से जनसंख्या संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराने का यह कार्य 34 लाख गणनाकर्ताओं, पर्यवेक्षकों और डिजिटल उपकरणों से लैस लगभग 1.3 लाख जनगणना कर्मियों द्वारा किया जाएगा। एक बयान में कहा गया है कि जनगणना के साथ ही जातिगत गणना भी की जाएगी।
पहले चरण में हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में जनसंख्या गणना, जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, सांस्कृतिक स्थिति और प्रत्येक घर में प्रत्येक व्यक्ति का अन्य विवरण एकत्र किया जाएगा। जनगणना की पूरी प्रक्रिया लगभग 21 महीनों में पूरी होगी।
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