देहरादून। हस्ती सौरभ जोशी “ब्लॉगर” को एक ठगी के मामले में नोटिस जारी किया गया है। ठगी करने वाले एप में निवेश के लिए इनसे विज्ञापन करवाया गया था।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस गिरोह के मुख्य सदस्य को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। एप के जरिए देश भर में 30000 से ज्यादा लोगों से 500 करोड रुपए की ठगी का मामला सामने आया है।
स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने हाईबॉक्स एप के जरिये देशभर के 30 हजार से ज्यादा लोगों से 500 करोड़ रुपये ठगने के मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर/यूट्यूबर एल्विश यादव, अभिषेक मल्हान, लक्ष्य चौधरी व सौरभ जोशी सहित अन्य को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी किए हैं। इनसे एप में निवेश करने के लिए विज्ञापन करवाया गया था। वहीं, भारत में गिरोह के मुख्य आरोपी जे. शिवराम उम्र 30 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी न्यू वॉशरमेनपेट, चेन्नई का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी के चार बैंक खातों में मौजूद 18 करोड़ रुपये सीज किए हैं।
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दिया है।
बता दे कि यूनिट में तैनात एसीपी मनीष जोरवाल की निगरानी में इंस्पेक्टर हरबीर की टीम ने धोखाधड़ी में शामिल भुगतान गेटवे और बैंक खातों का विवरण इकट्ठा किया। जांच के दौरान पता चला कि ईजबज और फोनपे भुगतान गेटवे का इस्तेमाल ठगी की रकम को लेने के लिए किया गया है। यहां रकम को बैंक खातों में पहुंचा गया। ऐसे चार बैंक खातों की पहचान की गई। इसके बाद बैंक खाताधारक आरोपी शिवराम को गिरफ्तार किया गया। बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला कि शिवराम द्वारा संचालित सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के चार खातों में रकम जमा की गई थी।
आरोपी ने चेन्नई के न्यू वॉशरमेनपेट स्थित ऑफिस स्पेस को सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लीज पर लिया था। पेमेंट गेटवे ईजबज और फोनपे की भूमिका की भी जांच चल रही है। इन्होंने हाईबॉक्स के जालसाजों के मर्चेंट खातों को बिना उचित सत्यापन प्रक्रिया व आरबीआई के नियमों को दरकिनार कर वर्चुअल खोला था। इसमें इन पेमेंट गेटवे कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका की जांच की जा रही है।
शिवराम नवंबर 2016 में स्थापित सत्रुल्ला एक्सप्रेस
प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है। कंपनी ने हाईबॉल
को फरवरी 2024 में बनाया था। जालसाजों ने
लोगों से विज्ञापन करवाकर अप्रैल 2024 में दसे शरू
पबता दे कि यूनिट में तैनात एसीपी मनीष जोरवाल की निगरानी में इंस्पेक्टर हरबीर की टीम ने धोखाधड़ी में शामिल भुगतान गेटवे और बैंक खातों का विवरण इकट्ठा किया। जांच के दौरान पता चला कि ईजबज और फोनपे भुगतान गेटवे का इस्तेमाल ठगी की रकम को लेने के लिए किया गया है। यहां रकम को बैंक खातों में पहुंचा गया। ऐसे चार बैंक खातों की पहचान की गई। इसके बाद बैंक खाताधारक आरोपी शिवराम को गिरफ्तार किया गया। बैंक खातों के विश्लेषण से पता चला कि शिवराम द्वारा संचालित सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के चार खातों में रकम जमा की गई थी। आरोपी ने चेन्नई के न्यू वॉशरमेनपेट स्थित ऑफिस स्पेस को सत्रुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से लीज पर लिया था। पेमेंट गेटवे ईजबज और फोनपे की भूमिका की भी जांच चल रही है। इन्होंने हाईबॉक्स के जालसाजों के मर्चेंट खातों को बिना उचित सत्यापन प्रक्रिया व आरबीआई के नियमों को दरकिनार कर वर्चुअल खोला था। इसमें इन पेमेंट गेटवे कर्मचारियों की संदिग्ध भूमिका की जांच की जा रही है।
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