नीब करौरी बाबा का कंबल था बुलेटप्रूफ,जानिए

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भवाली। बाबा नीब करौरी हमेशा कंबल ओढ़ा करते थे। कई भक्तों के दुखों को बाबा अपने कंबल से दूर कर देते। कंबल से कई चमत्कारिक लीलाएं कर भक्तों को हैरत में डाल देते। बाबा के विदेशी भक्त रिचर्ड एलपर्ट ने अपनी किताब ‘मिरेकल आफ लव’ में बाबा के कंबल से जुड़ी घटना का जिक्र किया है। उन्होंने किताब में इसे ‘बुलेटप्रूफ’ कंबल बताया है। बुलेटप्रूफ कंबल के बारे में जिक्र
करते हुए रिचर्ड ने लिखा है कि
फतेहगढ़ का एक बुजुर्ग दंपती बाबा के भक्त थे। यह घटना वर्ष 1943 की है। एक दिन बाबा अचानक दंपती के घर पर पहुंचे और रात वहीं ठहर गए। भोजन के बाद बाबा कंबल ओढ़कर सो गए। बुजुर्ग दंपती भी बाबा के चारपाई के पास ही सो गए। रात में बाबा कराहने लगे। ऐसा लगा जैसे बाबा को कोई मार रहा हो। बाबा ने सुबह चादर बजुर्ग दंपती को दी और गंगा में प्रवाहित करने को कहा। साथ ही कहा कि आपका बेटा महीने भर में लौट आएगा। दंपती ने चादर गंगा में प्रवाहित कर दिया। एक महीने बाद दंपती का इकलौता बेटा वर्मा फ्रंट से घर लौट आया। वह ब्रिटिश फौज में सैनिक था और दूसरे विश्वयुद्ध के समय वर्मा फ्रंट पर तैनात था। बेटे को घर पर देख दंपती की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बेटे ने माता-पिता को ऐसी घटना के बारे में बताया, जिसे सुनकर वो हैरान रह गए। बेटे ने कहा कि लगभग महीने भर पहले एक दिन वह दुश्मन फौजों के बीच घिर गया और रातभर गोलीबारी होती रही। इस युद्ध
में उसके सारे साथी भी मारे गए,
लेकिन वह अकेला बच गया। बेटे
ने कहा कि मैं कैसे बचा गया. यह
मुझे भी मालूम नहीं। उसने कहा किमुझ पर खूब गोलीबारी हुई, लेकिन एक भी गोली नहीं लगी। रातभर वह जापानी दुश्मनों के बीच लड़ता रहा और जीवित बच गया। दरअसल यह वही रात थी, जिस रात बाबा बुजुर्ग दंपति के घर रुके थे। दंपती बाबा के
चमत्कार को समझ गए। यही कारण है कि रिचर्ड ने अपनी किताब में इस कंबल को बुलेटप्रूफ कंबल कहा है।

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