नगर में नंदाष्टमी महोत्सव पिछले 102 वर्षों से मनाया जा रहा है। इस वर्ष पिछले सात दिनों से चल रहे नंदाष्टमी महोत्सव का नगर भृमण के बाद देर शाम शिप्रा नदी में विसर्जन किया गया। बुधवार सुबह ब्रहम मुहर्त में पौराणिक देवी मंदिर में माँ नंदा सुनंदा की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। पुजारी मोहन चन्द्र कपिल, पंकज कपिल ने मैया को भोग लगाया। उसके बाद यजमानों को पूजा अर्चना कराई। दोपहर दो बजे नंदा सुनंदा मैया का डोला नगर भृमण के लिए उठाया गया। ढोल नगाड़ों के साथ युवा बुजुर्ग, महिला बच्चे नाचते रहे। डीजे, ढोल, छोलिया नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। सुबह से शाम तक नगर माँ नंदा सुनंदा के जयकारों से गुंजायमान रहा। लोग घरों से बाहर माँ के दर्शनों के लिए निकलते रहे। यात्री पर्यटक भी माँ का आशीर्वाद लेते रहे। कोतवाली पुलिस ने कोतवाल उमेश कुमार मलिक के नेतृत्व में ट्रैफिक डायवर्जन किया। पौराणिक देवी मंदिर से मुख्य बाजार नैनीताल रोड़, रानीखेत रोड़, रामगढ़ रोड़, घोड़ाखाल तिराहे के बाद देर शाम 7 बजे शिप्रा नदी में विसर्जन किया गया। वही पॉलिका मैदान में लगे मेले में ग्रामीण क्षेत्रों से आये लोगो ने खूब खरीददारी की। चोट बच्चे झूले में झूलते रहे। बाजार में जगह जगह गरम जलेबिया बनती रही। लगभग 7 से आठ हजार ग्रामीण व आस पास क्षेत्रों से लोग माँ के डोले में शामिल हुवे।
इस दौरान रोहित आर्या, पालिकाध्यक्ष संजय वर्मा, कंचन बेलवाल, मनीष साह, गणेश पंत, नीरज अधिकारी, खष्टी बिष्ट, सुजान रजवार, महेंद्र सिंह बिष्ट, नरेश पाण्डे, रोहित कुमार, मोहन चन्द्र कपिल, रविशंकर जोशी, किशन अधिकारी, नीरज महादेव, पंकज निगलटिया, जीवन पाण्डे, राहुल सती, दयाल आर्या, कंचन साह, प्रकाश आर्या, शिवांशु जोशी, मोहन बिष्ट आदि सैकड़ो भक्त रहे।
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