आज भैयादूज के पावन पर्व पर अलौकिक धाम के कपाट
शीतकाल के लिए सुबह 8:30 बजे बंद कर दिए गए। इस दौरान बाबा
केदार के जयकारों से धाम गूंज उठा। मंगलवार को केदारनाथ में बाबा
केदार की पंचमुखी मूर्ति को विधि-विधान और पूजा-अर्चना के साथ
भंडारगृह से मंदिर के सभामंडप में विराजमान कर दिया गया था।
सुबह चार बजे से मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना शुरू हुई। बाबा की चल
उत्सव विग्रह डोली धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर
ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव
रामपुर पहुंचेगी। 17 नवंबर को बाबा केदार छह माह की शीतकालीन
पूजा-अर्चना के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएंगे।
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