पहाड़ में अपनी खुशियां छोड़ भाइयों तक राखी पहुँचाते रहे डाकिए

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  • दूसरों की बहनों की राखी बांट कर खुशी ढूढते रहे डाकियाँ

-3 किमी दूर पैदल जाकर डाकियों ने पहुँचाई राखी

भवाली। रक्षाबंधन के त्योहार पर किसी भाई की कलाई सूनी न रहे, इसके लिए डाक विभाग ने अपनी खुशियां छोड़कर डाकिया राखी के दिन भी घर घर राखी पहुंचाते नजर आए। वहीं राखी वितरण के लिए भवाली मल्ली बाजार स्थित डाक घर भी खुला रहा। इस बीच पोस्टमैन ने लोगों के घर घर जाकर राखी पहुंचाई। पहाड़ के रामगढ़ के दूरस्थ तोको के 3 किमी पैदल गाँवो तक पैदल जाकर देर शाम तक राखियां वितरित की गई। पोस्टमास्टर आई के दास ने बताया कि डाकघर में रक्षाबंधन के दिन सोमवार को भी डाकघर दिनभर खुला रहा और सभी डाकियों को बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन पर्व को लेकर डाकघर में विशेष राखी वितरण काउंटर भी बनाया गया है। जहां पर दूर-दराज रह रहे भाइयों के लिए बहनें राखी भेज रहीं हैं। पोस्टमैन राखी को समय पर सही पता पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि डाकिए अपनी खुशियां छोड़ बहनों की राखियां भाइयो तक पहुँचाने में अपनी खुशी ढूढते रहे। कहा कि साल में एक बार राखियां बांटकर दिल की खुशी महसूस होती है। कहा कि 15 सौ से अधिक राखियां बांटी गई। डाकघर में किसी बहन की राखी ना रहे इसके लिए डाकियाँ सुबह से राखी बांटने निकल गए।
पोस्टमैन अरविंद बिष्ट, हरीश खण्डूरी, प्रवेश आनंद, महेंद्र कुमार, गोविंद सिंह जीना ने बताया कि साल में एक दिन बहनों का त्यौहार आता है। बहनों का प्यार भाई तक पहुँचे इसके लिए अपनी खुशियों को पीछे छोड़ राखी बांटी गई। कहा सभी राखियां शाम तक बांट दी गई थी।

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