हाथरस में हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद श्रद्धालु मरते रहे और सेवादार भाग गए। उन्होंने कहा कि घटना के जिम्मेदार लोगों को हर हाल में सजा दिलाई जाएगी।
योगी ने कहा, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में मामले की न्यायिक जांच होगी। न्यायिक जांच में रिटायर्ड पुलिस अफसर भी शामिल किए जाएंगे। न्यायिक जांच का नोटिफिकेशन शीघ्र जारी हो जाएगा। उधर, इस हादसे में मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंच गई है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि कथा के आयोजन की अंदर की व्यवस्था सेवादारों की थी, जबकि बाहर पुलिस की व्यवस्था की गई थी, लेकिन हादसा होने के तुरंत बाद सेवादार वहां से भाग निकले। यहां तक कि उन्होंने हादसे के बाद लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के लिए एडीजी आगरा की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की है जिसने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट दे दी है। बहुत से ऐसे पहलू हैं, जिनकी जांच होना बहुत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गंभीर रूप से घायल लोगों ने बातचीत में बताया कि हादसा उस समय हुआ जब कार्यक्रम के उपरांत कथावाचक का काफिला जीटी रोड पर आया तो उन्हें छूने के लिए महिलाओं का एक दल उधर बढ़ गया। उनके पीछे-पीछे भीड़ गई और इसके बाद वो एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते गए। सेवादार भी लोगों को धक्का देते गए, जिसके चलते जीटी रोड के दोनों ओर ये हादसा घटित हुआ। सेवादारों ने प्रशासन को अंदर घुसने नहीं दिया और दुर्घटना के बाद उन्होंने मामले को दबाने का प्रयास किया। प्रशासन ने घायलों को अस्पताल ले जाने की कार्यवाही शुरू की तो उनमें से ज्यादातर सेवादार वहां से भाग गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हादसे के शिकार लोगों के नाबालिग बच्चों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था कराएंगे।
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