पंचायत चुनाव में किस्मत आजमा रहे उम्मीदवार स्पष्ट कर लें, उनका शहरी निकाय की वोटर लिस्ट में नाम तो नहीं। यदि उन्होंने शहरी निकाय चुनाव में भागीदारी की है और अब वह पंचायत चुनाव में भी दावेदारी कर रहे हैं तो आगे मुश्किल में पड़ सकते हैं। ऐसे में मामलों में विपक्षी व्यक्ति की ओर से शिकायत करने पर नामांकन रद्द हो सकता है। यहां तक कि चुनाव जीतने पर भी कार्रवाई हो सकती है। दो जगह नाम रखने वाले मतदाताओं पर भी यह बात लागू होती है।
कई बार लोगों को पैतृक स्थान से नौकरी या कारोबार के लिए किसी और शहर में जाना पड़ता है। ऐसे लोग वहां भी अपना नाम मतदाता सूची में शामिल करा लेते हैं। जबकि दो जगह मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना गैरकानूनी है। दो स्थानों पर वोटर लिस्ट में नाम होने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे मामलों में एक साल की कैद, जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं। लेकिन यहां पर स्पष्ट करें दें कि पंचायत चुनाव की नामावली में नाम होने पर निर्वाचन आयोग किसी को भी चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकता है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष सुशील कुमार की मानें तो कोई भी ऐसा व्यक्ति पंचायत चुनाव में भागीदारी कर सकता है, जिसका नाम वोटर लिस्ट में शामिल है। उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव की मतदाता सूची मार्च में तैयार कर ली गई थी, लेकिन चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले तक इसी सूची में नाम जुड़वाने, कटवाने या संशोधित कराने का काम जारी था।
वहीं, सचिव पंचायती राज चंद्रेश कुमार ने बताया कि संबंधित व्यक्ति का नाम दो जगह शामिल है, यह अमुक व्यक्ति को पता होना चाहिए।


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