भवाली के जाने माने कवि चित्रकार सईद शेख का फिनलैंड में निधन

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-हिन्दी कहानियों का अनुवाद कई पत्रिकाओं में छपा

भवाली। भवाली के जाने माने चित्रकार कवि, अनुवादक सईद शेख का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वह वर्तमान में फिनलैंड के तुर्कु शहर में रहते हैं। शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। भवाली में रह रहे उनके भतीजे मो जिया ने बताया कि सईद शेख का जन्म 15 अगस्त 1941 को भवाली में हुआ था। 1977 के बाद फिनलैंड में रह रहे थे। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भवाली में हुई जिसके बाद आगे की शिक्षा नैनीताल के डीएसबी कॉलेज से की। उन्होंने बताया कि पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात कवि वीरेन डंगावल से हुई, उन्होंने पुष्पेश पंत, बटरोही, श्यामा टंडन, रमेश थपलियाल, ओम प्रकाश साह गंगोला के साथ मिलकर द फ्रैंक्स नामक संस्था बनाई। जिसमे सामयिक वैचारिक मुद्दों पर विचार विमर्श होते थे। सईद शेख की पहली कविता शरदोत्सव कल्पना पत्रिका में प्रकाशित हुई। 1967 में नैनीताल से ग्रेजुएशन करने के बाद इलाहाबाद चके गए। उन्होंने कुछ समय पत्रकारिता भी की। 1967 से 1970 तक दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग में फ्रीलांस अनुवादक के तौर पर काम किया। फिर वह यूरोप चले गए। फिर उन्होंने चित्रकार व लेखन में डुबोये रखा। विदेश में रहने के बाद भी उनके दिल मे हिंदुस्तान बसा रहा। हिंदी मातृभाषा तो थी ही, उर्दू अंग्रेजी, जर्मन, फिनिश का भी पूरा ज्ञान रखा। भतीजे मो जिया ने कहा कि फिनिश के कवियों की रचनाओं का हिंदी अनुवाद भी किया। जो फिर हिंदी पत्रिकाओं में छपा।उन्होंने पहली बार महान फिनिश लेखक की किताब आलेक्सस कीवी सेवेन ब्रदर्स का अनुवाद किया। जो साल 2014 में सात भाई नाम से किताब की शक्ल में प्रकाशित हुआ। इसके अलावा मिका वालतारी, फिनलैंड के आदिवासियों के साहित्य में काम करते रहे। उन्होंने बताया कि वह कवि के साथ एक चित्रकार भी थे। 1967 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उनकी पहली पेंटिंग प्रदर्शनी में लगी। प्रदर्शनी का लेख उस समय दिनमान पत्रिका में प्रकाशित हुआ। हिंदुस्तान में बहुत सी किताबो पत्रिकाओं के कवर पेज में उनकी पेंटिंग आती रही। बताया कि साल 2001 में वीरेन डंगवाल ने उन्हें कविता संग्रह दुष्चक्र में स्रष्टा के कवर पेज के लिए चित्र मांगा था। 2014 में गुलमोहर किताब से प्रकाशित शोभा सिंह के पहले कविता संग्रह विधवा में उनकी पेंटिंग इस्तेमाल की गई। ओमप्रकाश की नदीम के गजल संग्रह सामना सूरज सेहै में 2015 में भी उनकी पेंटिंग लगी।

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