देहरादून : उत्तराखंड में साल 2025-26 में शराब से इनकम का टारगेट 2 हजार 509 करोड़ का रखा गया है. ऐसे में शराब की बिक्री के साथ ही शराब के शौकीनों, इसके खरीदारों का ध्यान भी सरकार की तरफ से रखा गया है. अक्सर शराब के ठेकों पर खरीद के समय होने वाली दिक्कतों को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से यह अहम कदम उठाया गया है, जिसे लागू भी कर दिया गया है. यह है एक क्यूआर कोड. इस कोड में शराब खरीदारों की हर प्रॉब्लम का हल है. इसे स्कैन करते ही उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा. ऐसे में अगर आप राज्य के निवासी हैं या बाहर से भी यहां घूमने आ रहे हैं तो यह आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा.दरअसल, उत्तराखंड में 640 शराब की दुकानें हैं और इनमें किसी तरह की गड़बड़ी न हो. ओवर रेटिंग की शिकायत ना मिले. नकली शराब की बिक्री न हो. अवैध शराब की बिक्री न हो. इसको देखते हुए आबकारी विभाग ने क्यूआर कोड लॉन्च किया है. क्यूआर कोड लॉन्च करने का मकसद शराब पीने वालों के साथ जनता को सुविधा देना है, ताकि कोई भी क्यूआर कोड स्कैन करके आसानी से शिकायत कर सके.
आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव एल फ़ैनई और आबकारी आयुक्त हरिचंद सेमवाल ने टीम के साथ क्यू आर कोड लॉन्च किया. ये क्यू आर कोड शराब की सभी दुकानों पर लगा होगा. वहीं जल्द विभाग का प्लान है कि शराब की हर बोतल पर इसे प्रिंट किया जाए.आबकारी के मुताबिक, जनता की तरफ से जो शिकायतें आती थीं, उसमें जल्द कारवाई नहीं होने की बात कही जाती थी, इसलिए आबकारी विभाग ने क्यूआर कोड लॉन्च किया है, जो सभी दुकानों पर लगेगा. वहीं ये भी प्लान है कि जल्द सभी बोतलों पर भी प्रिंट किया जाएगा. किसी भी दुकान पर ओवर रेटिंग, गलत व्यवहार, नकली शराब, तस्करी से जुड़ी शिकायत इस पर की जा सकती है, जिस पर विभाग कारवाई करेगा.क्यू आर कोड में मिल रही शिकायतों को आबकारी विभाग के कंट्रोल रूम में मॉनिटर किया जाएगा, जहां से शिकायत को संबंधित जिले को भेजा जाएगा. वहीं एक्शन के बाद ही शिकायत को क्लोज किया जाएगा.
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