भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा प्रत्याशी के लिए चौकाने वाला फरमान जारी किया है। डॉ .कल्पना सैनी के नाम का ऐलान कर सबकी दिल की धड़कने रोक दी है। अब उनको उमीदवार बनाना सही या गलत इस पर राजनीति पंडित मंथन करने में जुट गए हैं। उत्तराखंड से राज्यसभा जाने वाली वे दूसरी महिला होंगी । रविवार शाम को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने विभिन्न प्रांतों के लिए राज्यसभा प्रत्याशियों की सूची जारी की है । उत्तराखंड से अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अध्यक्ष रही डॉ . सैनी को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है ।राज्यसभा सांसद व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप टम्टा का कार्यकाल चार जुलाई को खत्म होने से यह पद रिक्त हो रहा है । राज्यसभा सदस्य के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 मई है , जबकि 10 जून को मतदान होना है । डा . सैनी वर्ष 2019 में अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अध्यक्ष बनी थी । में जून माह में ही उनका कार्यकाल खत्म होने जा रहा है । अविभाजित यूपी के दौरान डा . सैनी के पिता पृथ्वी सिंह विकसित कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं । विधानसभा में भाजपा के दो तिहाई बहुमत होने से डा . सैनी की जीत तय मानी जा रही है । वे निर्विरोध भी राज्यसभा के लिए चुनी जा सकती हैं । उत्तराखंड राज्य गठन के बाद डा . सैनी दूसरी महिला होंगी , जो राज्यसभा पहुंचेगी । इससे पहले अंतरिम सरकार में सुषमा स्वराज उत्तराखंड के कोटे से राज्यसभा पहुंची थी । आपको बता दें कि चंपावत उपचुनाव के लिए 31 मई को मतदान और 03 जून को मतगणना होनी है ।
इनको लगा झटका : पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत , प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार , भाजपा अनुशासन समिति के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केदार जोशी , भाजपा ओबीसी मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्यामवीर सैनी , पूर्व विधायक आशा नौटियाल , राष्ट्रीय एससी – एसटी आयोग की पूर्व सदस्य स्वराज विद्वान समेत दस नाम शामिल किए गए थे । बहुगुणा का नाम शामिल नहीं : राज्यसभा चुनाव प्रत्याशी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का नाम पैनल में शामिल नहीं है । माना जा रहा है कि धामी कैबिनेट में उनके बेटे व सितारगंज विधायक सौरभ बहुगुणा के शामिल होने से वे रेस से बाहर हो गए थे । विस में दलीय स्थिति 46 भाजपा 19 कांग्रेस 02 बसपा 02 निर्दलीय 01 चंपावत उप चुनाव ( 31 मई को )
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